Online Gaming: केंद्रीय आईटी राज्यमंत्री चंद्रशेखर ने कहा- स्व-नियामक निकाय पर नहीं होगा उद्योगों का कब्जा

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार डिजिटल यूजर की सुरक्षा के नए नियमों के साथ ऑनलाइन गेमिंग के विकास के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन प्रस्तावित स्व-नियामक निकाय (एसआरओ) पर उद्योग के कब्जे की इजाजत नहीं देगी। बीते सप्ताह पेश किए गए ऑनलाइन गेमिंग विनियमन मसौदे के तहत एसआरओ भी प्रस्तावित किया गया है। इसके दो काम होंगे। पहला, डिजिटल स्पेस में नागरिकों के हितों की रक्षा करना और दूसरा, देश के कानूनों, नागरिक हितों को ध्यान में रखकर ऑनलाइन गेमिंग को मंजूरी देना। राजीव चंद्रशेखर ने बताया, केंद्र ने मसौदे पर व्यापक सार्वजनिक परामर्श शुरू किया है। बुधवार को हितधारकों माता-पिता, छात्रों और शिक्षाविदों के साथ पहली बार हुई चर्चा में सभी की चिंताओं, उम्मीदों और सुझावों को सुना गया। कई शिक्षकों ने आग्रह किया कि प्रस्तावित स्व-नियामक निकाय ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के इशारों पर संचालित न हो, बल्कि दोनों में एक मानक दूरी रहे। इसे लेकर आईटी मंत्री ने कहा, नियामक निकाय उद्योग या नागरिक हितों के खिलाफ नहीं होगा। ऑनलाइन गेमिंग एसआरओ को जवाबदेही और पारदर्शिता के सिद्धांतों पर आधारित बताते हुए चंद्रशेखर ने कहा, वह प्रस्तावित बोर्ड की तरफ से तय दायित्वों को पूरा करेगा। प्रतिभागियों ने सुझाव दिया कि एसआरओ को व्यापक अधिकार दिए जाएं, ताकि यह गेम सामग्री, और व्यसन उत्पन्न करने वाले मनोवैज्ञानिक मुद्दों को नियंत्रित कर सके। बोर्ड और एसआरओ में गेमिंग, स्पोर्ट्स व एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री के प्रमुख लोग शामिल होंगे, जो खेलने वालों का प्रतिनिधित्व करेंगे। इसके अलावा एक मनोविज्ञानी व ग्राहक शिक्षा से जुड़ा व्यक्ति तथा लोक नीति, कानून प्रवर्तन, सार्वजनिक वित्त जैसे मसलों के विशेषज्ञ भी इसमें शामिल होंगे। इसमें तकनीक विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाएगा। आईटी मंत्री ने कहा कि सरकार चाहती है कि ऑनलाइन गेमिंग देश की डिजिटल इकोनॉमी का प्रमुख हिस्सा बने, देश में ज्यादा से ज्यादा उद्यमी इस क्षेत्र में उतरें और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में शामिल हों। इन गेम परचेज के लिए ईकेवीईसी जरूरी कुछ सदस्यों ने इन गेम परजेच के संबंध में सवाल उठाया, तो आईटी मंत्री ने साफ किया कि गेम के दौरान किसी भी वित्तीय अंतरण के लिए ईकेवाईसी को अनिवार्य किया गया है। सरकार ने मसौदे पर 17 जनवरी तक लोगों से सुझाव मांगे हैं। सभी सुझावों पर गौर करने के बाद सरकार फरवरी में मसौदे को अंतिम रूप देना चाहती है। चीन की तरह तय हो समय सीमा परामर्श सत्र के दौरान एक प्रतिभागी छात्र ने चीन की नीति जिक्र करते हुए एक सप्ताह में 12-13 घंटे ऑनलाइन गेमिंग की इजाजत का सुझाव दिया गया। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो ने संस्थागत तंत्र जैसे- देश के शीर्ष मनोरोग संस्थान की सक्रिय भूमिका पर भी गौर करने पर जोर दिया।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 13, 2023, 05:43 IST
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