Financial Scam: सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से पूछा, कितने वित्तीय घोटालों के मामलों में हुआ तार्किक अंत

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एमआर शाह ने गुरुवार को कहा कि उनका अनुभव कहता है कि जब भी कोई वित्तीय घोटाला होता है और सीबीआई या ईडी तस्वीर में आती हैं, तो देरी होती है। इसमें कई साल लग जाते हैं। शीर्ष अदालत ने सीबीआई से पूछा कि वह बताए, कितने वित्तीय घोटालों के मामलों में तार्किक अंत हुआ है जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रवि कुमार की पीठ ओडिशा के करोड़ों रुपये के चिट फंड घोटाले की जांच की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इस मामले में सीबीआई के वकील ने रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा था। इस देरी पर नाराजगी जताते हुए जस्टिस शाह ने कहा, सीबीआई निदेशक के पास समय नहीं है कुछ मामलों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। यह चिट फंड का एक महत्वपूर्ण मामला है। सीबीआई के वकील ने कहा कि सॉलिसिटर जनरल को सिर्फ जवाबी हलफनामे की जांच करनी है। इस पर जस्टिस शाह ने कहा, सैकड़ों निवेशक शामिल हैं। सीबीआई और राज्य को अपना हरसंभव प्रयास करना चाहिए और जितना पैसा हो सके, उतना पैसा वापस लेना चाहिए। चिट फंड के संबंध में सीबीआई के इस जांच को अपने हाथ में लेने के बाद कितनी राशि का भुगतान किया गया है, हमें दिखाएं सीबीआई के वकील ने कहा कि वह रिकॉर्ड में रखेंगे कि योजना कैसे काम कर रही है। पैसा चाहिए, वर्षों का इंतजार नहीं जस्टिस शाह ने कहा, योजना का क्या मतलब है लोगों को उनका पैसा चाहिए। यह उनका पैसा है। 10 साल, 20 साल, 30 साल इंतजार नहीं कर सकते। घोटाले करने वाले जेल में हो सकते हैं, लेकिन वे पैसे का आनंद ले रहे हैं। वे इन पैसों से मुकदमे लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, मेरे अनुभव में जब भी ऐसे घोटालों में सीबीआई या ईडी तस्वीर में आती है तो वर्षों लग जाते हैं। आप पर बहुत अधिक बोझ हो सकता है, आपके पास कर्मचारियों की कमी हो सकती है। सभी सीबीआई अधिकारी अन्य विभागों से प्रतिनियुक्ति पर हैं, वे या तो उत्पाद शुल्क विभाग से हैं या सीमा शुल्क विभाग से हैं जो जांच के बारे में कुछ नहीं जानते। आपको बदलना होगा अपना सिस्टम जस्टिस शाह ने कहा, मैंने सीबीआई का भी प्रतिनिधित्व किया है। इसलिए मुझे सब कुछ पता है। मैं वहां साढ़े पांच साल तक था। कुछ भी जवाब दाखिल करना होता है तो इसे निदेशक के माध्यम से जाना होता है। छोटी चीजों में भी समय लगता है। आपको अपने सिस्टम को बदलना होगा। शनिवार तक न्याय मित्र को दें स्टेटस रिपोर्ट पीठ ने चिट फंड मामले की सुनवाई सोमवार के लिए तय करते हुए सीबीआई से शनिवार तक स्टेटस रिपोर्ट न्याय मित्र को देने के लिए कहा है। पीठ ने कहा कि अब कोई स्थगन नहीं मिलेगा। जस्टिस शाह ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में हम हमेशा स्रोत को देखने की कोशिश करते हैं। पैसा कहां जा रहा है। ज्यादातर मामलों में पैसा टैक्स हेवन कंपनियों में चला गया है। फिर प्रत्यर्पण। फिर ब्रिटेन की अदालत और फिर ब्रिटेन की अपीलीय अदालत। फिर सारा खेल शुरू होता है। वह व्यक्ति लंदन में आनंद ले रहा होगा, चाहे कोई भी हो, हम किसी खास व्यक्ति के बारे में बात नहीं कह रहे हैं। वह लंदन या अमेरिका में हो सकता है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 06, 2023, 05:58 IST
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