Nvidia: 2026 के अंत तक दोगुनी हो सकती है मेमोरी चिप की कीमत, इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री बढ़ती मांग से परेशान
एआई सर्वर बनाने के लिए एनवीडिया अब उसी मेमोरी चिप (LPDDR) इस्तेमाल करने लगी है, जो स्मार्टफोन में चलती हैं। काउंटरपॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बदलाव की वजह से 2026 के अंत तक सर्वर मेमोरी की कीमतें दोगुनी तक बढ़ सकती हैं। क्यों बढ़ सकती है मेमोरी चिप की कीमत पिछले कुछ महीनों में इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री पुराने मेमोरी चिप की कमी से परेशान है। चिप बनाने वाली कंपनियां अब अपना फोकस हाई-एंड मेमोरी (जैसे HBM) पर कर रही हैं, जो एआई तकनीक में ज्यादा जरूरी होती है। एनवीडिया ने भी अपने एआई सर्वर की पावर बचाने के लिए DDR5 मेमोरी छोड़कर LPDDR मेमोरी का इस्तेमाल शुरू किया है जो जो स्मार्टफोन और टैबलेट में इस्तेमाल होती है। समस्या कहां बढ़ रही है काउंटरपॉइंट का कहना है कि एक एआई सर्वर में फोन की तुलना में कई गुना ज्यादा LPDDR मेमोरी लगती है। अचानक इतनी बड़ी डिमांड उठने पर इंडस्ट्री इसे संभाल नहीं पाएगी। सैमसंग, SK हाइनिक्स और माइक्रोन जैसे दिग्गज पहले ही DRAM चिप की कमी झेल रहे हैं क्योंकि उनकी प्राथमिकता एआई के लिए जरूरी हाई-बैंडविड्थ मेमोरी बनाना है। अगर चिप निर्माता एनवीडिया की जरूरत पूरी करने के लिए और फैक्ट्रियों को LPDDR बनाने में लगाते हैं, तो कम-पावर मेमोरी की कमी पूरे मार्केट में फैल सकती है। सबसे बड़ा खतरा क्या है काउंटरपॉइंट के मुताबिक "एनवीडिया का LPDDR की तरफ जाना सप्लाई चेन पर वही दबाव डाल देगा, जैसा किसी बड़े स्मार्टफोन ब्रांड के आने से होता है जिसे इंडस्ट्री आसानी से संभाल नहीं सकती" 2026 तक असर क्या होगा सर्वर-मेमोरी की कीमतें दोगुनी हो सकती हैं। क्लाउड कंपनियों और एआई डेवलपर्स की लागत और बढ़ेगी। डाटा सेंटर पहले से ही GPU की बढ़ती कीमतों और बिजली खर्च में भारी निवेश कर रहे हैं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 19, 2025, 16:32 IST
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