CPIM: भारत के लिए मुश्किल पैदा कर रहा अमेरिका के साथ किया गया परमाणु समझौता, प्रकाश करात ने किया बड़ा दावा
सीपीआई (एम) नेता प्रकाश करात ने भारत-अमेरिका के परमाणु समझौते को लेकर बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा- 2008 में अमेरिका के साथ किए गए परमाणु समझौते ने भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत किया, लेकिन अब यह भारत के लिए मुश्किल स्थिति पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को चीन का सहयोगी बनने की जरूरत नहीं है, लेकिन चीन के साथ अच्छे संबंध बनाना भारत के लिए फायदेमंद होगा। अमेरिका के साथ समझौता और भारत की स्थिति प्रकाश करात ने बताया कि 2008 में जब वामपंथी दलों ने परमाणु समझौते को लेकर यूपीए सरकार से समर्थन वापस लिया था, तब इसे सिर्फ एक परमाणु समझौते के रूप में देखा गया था। लेकिन यह एक बड़े रणनीतिक गठबंधन की शुरुआत थी, जिसने भारत को अमेरिका के साथ गहरे रिश्तों में बांध दिया। उन्होंने कहा, 'अमेरिका ने हमें परमाणु समझौता दिया और उन सभी प्रतिबंधों को हटा दिया, जो पहले लगे हुए थे। लेकिन इसके बदले में हमें अमेरिका के साथ सैन्य और रक्षा समझौतों में बंधना पड़ा।' यह भी पढ़ें - G20: जी-20 व्यापार और निवेश कार्य समूह बैठक की मेजबानी करेगा दक्षिण अफ्रीका, 18 से 20 मार्च तक होगा आयोजन भारत से क्या चाहता है अमेरिका सीपीआईएम नेता ने कहा कि ट्रंप प्रशासन भारत से कई तरह के समझौते करवाना चाहता है। जिसमें पहला ये है कि अमेरिका चाहता है कि भारत उससे ज्यादा हथियार खरीदे। दूसरा ये कि भारत को अमेरिका से 10 अरब डॉलर का तेल और गैस खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एफ-35ए लड़ाकू विमान, जिसे अमेरिका भारत को देना चाहता है, वह भारत के लिए उपयुक्त नहीं है। यह बहुत महंगा और अव्यावहारिक है, लेकिन भारत इसे मना कर पाएगा या नहीं, यह बड़ा सवाल है। यह भी पढ़ें -UN: 'अगर सभी देश ट्रेड वॉर पर उतर जाएंगे तो अपना सब कुछ खो देंगे', ट्रंप की टैरिफ नीति पर गुटेरेस की चेतावनी चीन के साथ रिश्ते सुधारने की जरूरत प्रकाश करात ने कहा कि भारत को अपनी विदेश नीति पर दोबारा विचार करना चाहिए और एक बहुध्रुवीय दुनिया में अपनी रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'हमें चीन का सहयोगी बनने की जरूरत नहीं है, लेकिन उससे अच्छे संबंध रखने से हमारे लिए कूटनीतिक फैसले लेना आसान होगा।' बता दें कि, भारत और चीन के बीच हाल ही में पूर्वी लद्दाख में तनाव कम हुआ है और कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए अधिक वीजा दिए गए हैं, जो संबंधों में सुधार के संकेत हैं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Mar 13, 2025, 19:27 IST
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