Delhi NCR News: अब फिटनेस और व्यवहार परीक्षा पास करने के बाद ही मिलेगा बस का स्टीयरिंग

डीटीसी ने शुरू की नई व्यवस्था, ड्राइविंग स्किल के साथ मानसिक संतुलन और यात्रियों से व्यवहार की भी होगी परीक्षाअमर उजाला ब्यूरोनई दिल्ली। दिल्ली की सड़कों पर अब बस चालक सिर्फ गाड़ी चलाने की कुशलता से नहीं, बल्कि यात्रियों के प्रति अपने व्यवहार और मानसिक संतुलन से भी परखे जाएंगे। दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) ने अपने और क्लस्टर स्कीम के चालकों के लिए कठोर ड्राइविंग स्किल और मेडिकल फिटनेस टेस्ट की नई व्यवस्था शुरू की है। इसका मकसद राजधानी में बस यात्रा को सुरक्षित, अनुशासित और मानवीय बनाना है।डीटीसी अधिकारियों के अनुसार, नई प्रक्रिया के तहत चालक की ड्राइविंग क्षमता के साथ-साथ उसके ट्रैफिक सेंस, भावनात्मक संतुलन और यात्रियों से संवाद शैली का भी मूल्यांकन किया जाएगा।टेस्ट के दौरान चालकों से सड़क सुरक्षा से जुड़े सवाल पूछे जाते हैं। यदि वे जवाब नहीं दे पाते, तो मौके पर ही उन्हें सही जानकारी दी जाती है, जैसे कि स्टॉप पर बस रोकने का सही तरीका, बुजुर्गों और दिव्यांग यात्रियों को प्राथमिकता देना, भीड़भाड़ में संयम बनाए रखना और तेज रफ्तार या अचानक ब्रेक से बचना। डीटीसी के प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत अब तक 1000 से अधिक चालकों का स्किल टेस्ट हो चुका है। अगले चरण में सभी चालकों की मेडिकल जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे लंबे समय तक ड्राइविंग के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से फिट हैं।यह कदम दक्षिण भारत में हाल ही में हुई उस दुर्घटना के बाद उठाया गया है, जब चलती बस के चालक को दौरा पड़ने से कई वाहन टकरा गए थे। प्रशिक्षण के दौरान चालकों को बताया जा रहा है कि कैसे ट्रैफिक जाम में शांत रहना है, ओवरस्पीडिंग से बचना है, और बस को साफ-सुथरा रखना है। उन्हें बस स्टॉप पर बस को सटीक जगह पर रोकने, यात्रियों को चढ़ने-उतरने के लिए पर्याप्त समय देने और सड़क पर अनुशासन बनाए रखने की शिक्षा दी जा रही है। प्रशिक्षण का एक हिस्सा इस पर भी केंद्रित है कि चालक अपनी नौकरी को केवल परिवहन कार्य न समझें, बल्कि इसे सेवा के रूप में देखें।दुर्घटनाओं ने बढ़ाई चिंताराजधानी में पिछले दो वर्षों में हुई दुर्घटनाओं ने सरकार की चिंता बढ़ाई है। वर्ष 2024 में डीटीसी और क्लस्टर बसों से कुल 35 दुर्घटनाओं में 35 लोगों की मौत हुई, जबकि 2025 में 30 जून तक 26 हादसों में 26 लोग मारे गए। दिल्ली में इस समय डीटीसी और क्लस्टर स्कीम के तहत करीब 4,900 बसें चल रही हैं। परिवहन विभाग का मानना है कि सिर्फ तकनीकी ड्राइविंग कौशल से सड़क सुरक्षा नहीं बढ़ाई जा सकती। इसके लिए चालक के व्यवहार और सोच में बदलाव जरूरी है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 03, 2025, 20:26 IST
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