चाहे कितनी भी विपत्ति आए, आत्महत्या का न करें विचार : जगमोहन
संवाद न्यूज एजेंसीहरोली (ऊना)। हरोली उपमंडल के नगनोली में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा एवं ज्ञान महायज्ञ के चौथे दिन कथा व्यास पंडित जगमोहन ने अपने प्रवचनों से श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ज्ञान से सराबोर किया। श्रीकृष्ण के जन्म प्रसंग ने श्रद्धालुओं को विशेष रूप से आनंदित किया, जबकि नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल के भजनों पर श्रद्धालु झूम उठे।पंडित जगमोहन ने नारी शक्ति को नमन करते हुए कहा कि नारी साक्षात जगदंबा का स्वरूप है। जिस प्रकार महापुरुष किसी अन्य लोक से नहीं आते, वे भी मां की कोख से ही जन्म लेते हैं, वैसे ही नारी को अपने आत्मस्वरूप को पहचानने की आवश्यकता है। उन्होंने आत्महत्या को सबसे बड़ा पाप करार देते हुए जीवन की कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य और ईश्वर में विश्वास बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि आत्महत्या के बाद व्यक्ति को प्रेत योनि में जाना पड़ता है। चाहे कितनी भी विपत्ति आए, आत्महत्या का विचार भी नहीं करना चाहिए। इसके अलावा पंडित जगमोहन ने गो माता की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि गाय समस्त कामनाओं की पूर्ति करती है। यदि गाय की रक्षा होगी, तो पृथ्वी की रक्षा सुनिश्चित होगी। इस अवसर पर प्रधान मेहताब ठाकुर, पंवार परिवार और स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 26, 2025, 18:53 IST
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