NFO: देशभर में न्यू फंड ऑफर में निवेश के लिए मची हलचल, जानें निवेश का सही समय और जरूरी बातों का रखे ध्यान
भारत के निवेश बाजार में फिलहाल एनएफओ यानी न्यू फंड ऑफर की काफी हलचल है। कंपनियां नई-नई निवेश थीम के साथ फंड पेश कर रही हैं। नई म्यूचुअल फंड हाउस जियो ब्लैकरॉक ने हाल में तीन एनएफओ पेश किए। म्यूचुअल फंड में न सिर्फ जियो ब्लैकरॉक बल्कि हर एनएफओ निवेशकों में उत्साह पैदा करता है। लेकिन, इसके साथ एक आम गलतफहमी यह है कि एनएफओ सस्ता होता है, जिससे निवेशक इसमें हिस्सा लेने की होड़ में रहते हैं। कभी-कभी कंपनी और फिर बाजार भी निवेशकों की रुचि बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं। लेकिन क्या एनएफओ में पैसा लगाने का यह सही समय हैइसे गहराई से समझते हैं। क्या होता है न्यू फंड ऑफर जब कोई म्यूचुअल फंड कंपनी निवेशकों के लिए नई स्कीम लाती है, तो वह एनएफओ प्रक्रिया के जरिये ऐसा करती है। यह निवेशकों के लिए नया अवसर होता है। यह उस स्कीम का पहला कदम है, जिसने अभी बाजार में निवेश की शुुरुआत नहीं की है। एनएफओ की निश्चित समयावधि होती है, जिसमें निवेशकों को पैसा लगाने के लिए आमंत्रित किया जाता है। इस पैसे का इस्तेमाल बाद में स्कीम का पोर्टफोलियो बनाने में किया जाता है। एनएफओ सब्सक्रिप्शन की एक तय अवधि होती है। इस दौरान निवेशक स्कीम में पैसा लगा सकते हैं। इसमें सिर्फ निवेश होता है, यूनिट्स की बिक्री नहीं होती है। आमतौर पर एनफओ की प्रति यूनिट्स 10 रुपये में मिलती हैं। हालांकि, जियो ब्लैकरॉक ने अपनी एनएवी लीक से हटकर 1,000 रुपये रखी है। ये भी पढ़ें:-Investment: भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में MNC फंड से निवेश का मौका, 16 जुलाई तक आवेदन कर सकेंगे आवेदन निवेश से पहले ये जरूर समझें थीम और रणनीति को समझें : एनएफओ की कैटेगरी और थीम को समझना जरूरी है। खासकर थीमैटिक फंड में निवेश करने से पहले उसकी थीम की समझ और भविष्य की संभावना पर ध्यान दें। जोखिम का आकलन करें : जोखिम क्षमता के अनुसार ही एनएफओ चुनें। हाई रिस्क थीम या मिडकैप फंड सतर्क निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं होते। एग्जिट विकल्प देखें लें : कई एनएफओ में एग्जिट लोड होता है। निवेश से पहले यह जान लें कि जरूरत पड़ने पर फंड से बाहर निकलना कितना आसान है। निवेश अवधि तय करें : एनएफओ आपकी निवेश अवधि से मेल खाता है या नहीं, जरूर जांचें। अल्पावधि निवेशक लंबी अवधि वाले इक्विटी फंड्स से बचें। मौजूदा पोर्टफोलियो से तुलना करें : देखें कि एनएफओ आपके पोर्टफोलियो में क्या नया जोड़ रहा है। बेहतर ट्रैक रिकॉर्ड वाले पुराने फंड कई बार ज्यादा फायदेमंद साबित होते हैं। मुख्य रूप से तीन प्रकार के फंड मुख्य रूप से म्यूचुअल फंड तीन प्रकार के होते हैंओपन-एंडेड, क्लोज-एंडेड और इंटरवल। ओपन-एंडेड एनएफओ में म्यूचुअल फंड स्कीम शुरुआती अवधि के बाद भी निवेश के लिए उपलब्ध रहती है। क्लोज-एंडेड में निवेशक केवल एनएफओ अवधि में ही निवेश कर सकते हैं। इंटरवल एनएफओ ओपन-एंडेड और क्लोज-एंडेड का मिश्रण है, जिसमें स्कीम सिर्फ खास अवधि छह महीने, एक साल में खरीद और बिक्री के लिए उपलब्ध होती है। फिलहाल उपलब्ध हैं ये एनएफओ जियो ब्लैकरॉक एनएफओ हाल ही में बंद हआ है। इसके अलावा, निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड ने बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर केंद्रित एक नई स्कीम निप्पॉन इंडिया एमएनसी फंड लॉन्च की है। यह थीमैटिक फंड ऑफर 2 जुलाई से सब्सक्रिप्शन के लिए खुला है और 16 जुलाई तक न्यूनतम 100 रुपय से निवेश कर सकते हैं। 22 जुलाई को अलॉटमेंट मिलेगा। फंड का बेंचमार्क निफ्टी एमएनसी टीआरआई है, जो मारुति, एचयूएल, ह्यूंडई जैसी 30 प्रमुख बहुराष्ट्रीय कंपनियों का इंडेक्स है।बाजार में मौजूद अन्य एनएफओ में ज्यादातर थीम आधारित हैं। जैसे एचडीएफसी इनोवेशन फंड, सुंदरम मल्टी फैक्टर फंड और एक्सिस सर्विस ऑपर्चुनिटीज फंड। कुछ डेट कैटेगरी में भी ऑफर हैं। ये भी पढ़ें:-BRICS: कमजोर कड़ी से सबसे तेजी से उभरती अर्थव्यवस्था बना भारत, जीडीपी की वृद्धि में साथी देशों को पीछे छोड़ा पैसा लगाने से पहले इन बातों का रखें ध्यान एनएफओ कई तरह के फायदे देता है, जैसे इसमें शामिल होना आसान है। लागत कम होती है। नई थीम्स में निवेश का मौका मिलता है और शुरुआती मुनाफे की संभावना होती है। लेकिन, एनएफओ म्यूचुअल फंड कंपनी की एक नई स्कीम है और जरूरी नहीं कि यह हर निवेशक के लिए फायदेमंद हो। इसलिए, जांच के बाद ही निवेश का फैसला लें।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Jul 07, 2025, 09:26 IST
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