Budaun News: महिला अस्पताल के एसएनसीयू से रेफर नहीं होंगे नवजात बच्चे

चार सीपैप, छह वॉर्मर और छह मॉनिटर अस्पताल पहुंचे एसएनसीयू से हटेंगे पुराने वॉर्मर, लगाए जाएंगे नए उपकरण बदायूं। लंबे इंतजार के बाद महिला अस्पताल का एसएनसीयू आधुनिक होने जा रहा है। अब गंभीर नवजात बच्चों को हायर सेंटर रेफर नहीं करना पड़ेगा। कुछ पुरानी मशीनों को हटाया जाएगा। उनके स्थान पर नई मशीनें लगेंगी। महिला अस्पताल में अब तक नवजात बच्चों का इलाज वॉर्मर पर चल रहा था। इस समय महिला अस्पताल में 13 वॉर्मर हैं और 13 ही नवजात बच्चे यहां भर्ती हैं। जब से एसएनसीयू पुरानी बिल्डिंग से नई बिल्डिंग में शिफ्ट हुआ है तब से नवजात बच्चों पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। पुरानी बिल्डिंग में नवजात बच्चों को ज्यादा खतरा था। वहां दो बार संक्रमण फैला था, जिससे कई नवजात बच्चों की मौत हो गई थी। यह मामला लखनऊ तक पहुंच गया था जिससे स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई थी। यह मामला वर्ष 2018-19 का था। उस समय बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप वार्ष्णेय ने कई आधुनिक मशीनों की मांग की थी। तब से एसएनसीयू में ऐसे ही इलाज चल रहा था। अब महिला अस्पताल के एसएनसीयू में आधुनिक मशीनें आ गई हैं। उनमें चार सीपैप (कन्टीन्यू पॉजिटिव एयरवे प्रेशर) मशीनें हैं। जिन नवजात बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होती है, उन्हें यह मशीन लगाई जाएगी। हाईप्रेशर पर उन्हें ऑक्सीजन मिल सकेगी। इसके अलावा छह वॉर्मर आए हैं। अब तक जिन वॉर्मर पर नवजात बच्चों का उपचार चल रहा था, उनमें कुछ वॉर्मर दिक्कत दे रहे थे। अब उनके स्थान पर नए वॉर्मर लगाए जाएंगे। इसके बाद बच्चों को कोई खतरा नहीं रहेगा। हर वक्त उनकी पल्स और ऑक्सीजन आदि देखने के लिए छह मॉनिटर भी आए हैं। डॉ. संदीप ने बताया कि यह मशीनें 19 लाख 50 हजार रुपये की हैं। इससे एसएनसीयू में काफी सुधार होगा। नवजात बच्चों को कहीं और रेफर करना नहीं पड़ेगा। चार वेंटिलेटर भी खरीदे जाएंगेजिले के सरकारी अस्पतालों में अभी वेंटिलेटर की सुविधा नहीं है। हालांकि जिला अस्पताल में वेंटिलेटर आने का अनुमान है। महिला अस्पताल के एसएनसीयू में भी वेंटिलेटर मंगाए जाएंगे। चार वेंटिलेटर का ऑर्डर दिया गया है। इसके अलावा एक पोर्टेबल मशीन और तीन एबीजी (आरट्रीज ब्लड गैसेज) एनालाइजर आएंगी, जिससे नवजात बच्चों का और अच्छी तरह से उपचार हो सकेगा। महिला अस्पताल के एसएनसीयू में काफी समय से कई मशीनों को मनाने की कोशिश चल रही थी। अब मशीनें आ गई हैं। फिलहाल उन्हें इंस्टॉल किया जा रहा है। जल्द ही इन मशीनों से नवजात बच्चों का उपचार होगा।- डॉ. संदीप वार्ष्णेय, बाल रोग विशेषज्ञ, महिला अस्पताल

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 14, 2023, 00:36 IST
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