नेपाल विमान हादसा: 'अगर मेरी बात मान लेती तो बच जाती उसकी जान', फ्लाइट अटेंडेंट के पिता ने बयां किया दर्द

नेपाल विमान हादसे में जान गंवाने वाले मृतकों के परिवार का दर्द कम नहीं हो रहा है। चारों तरफ मातम पसरा हुआ है। इन सबके बीच एक ऐसा परिवार सामने आया है जिसकी बेटी भी इस दुर्घटना की शिकार हो गई थी। बात करते हैं एक पिता की जो कि सेवानिवृत्त भारतीय सेना के जवान रह चुके हैं। इस पिता ने अपनी 24 वर्षीयबेटीओशिन को खोने का दर्द बयां किया है। पिता मोहन अले की बात सुनकर वहां मौजूद लोग भी भावुक हो गए। काश मेरी बात मान लेती तो आज जिंदा होती:फ्लाइट अटेंडेंट के पिता जान गंवाने वाली फ्लाइट अटेंडेंट के पिता मोहन अले मागर ने कहा कि मैंने सुबह-सुबह उसे एक विशेष दिन (मकर संक्रांति) पर काम पर जाने से मना किया था लेकिन वह मेरी बात नहीं मानी। मेरी बेटी ओशिन (24) रविवार को इस वादे के साथ घर से निकली कि वह अपने परिवार के साथ माघ संक्रांति त्योहार मनाने के लिए काम के बाद पोखरा से वापस आएगी। वह तो नहीं लौटी लेकिन उसका शव घर पहुंचा। ओशिन ने भारत में हीफ्लाइट अटेंडेंट की पढ़ाई की थी।ओशिन उन 69 लोगों में शामिल थीं, जिनकी रविवार को मध्य नेपाल के रिसॉर्ट शहर पोखरा में सेती नदी के तट पर पांच भारतीयों सहित 72 लोगों के साथ यति एयरलाइंस के विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से मौत हो गई थी। परिवार कर रहा था त्योहार मनाने की तैयारी उनका परिवार घर पर त्योहार मनाने की तैयारी कर रहा था जब उन्हें विमान दुर्घटना की खबर मिली। मोहन ने नेपाल के दैनिक अखबार रिपब्लिका अखबार को फोन पर बताया कि उस दिन दो उड़ानें पूरी करने के बाद उन्होंने त्योहार मनाने पर जोर दिया।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 17, 2023, 12:48 IST
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