Delhi News: अनुवाद और भारत की बहुभाषी विरासत पर राष्ट्रीय सम्मेलन
अनुवाद और भारत की बहुभाषी विरासत पर राष्ट्रीय सम्मेलनसंवाद न्यूज एजेंसीनई दिल्ली। अशोका विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर ट्रांसलेशन ने न्यू इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में भाषावाद 2.0 अनुवाद और भारत की बहुभाषी विरासत शीर्षक से दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया। इस सम्मेलन में देशभर के प्रमुख लेखक, अनुवादक, प्रकाशक और विद्वान शामिल हुए। सम्मेलन का उद्घाटन न्यू इंडिया फाउंडेशन के प्रबंध न्यासी एवं अशोका विश्वविद्यालय के संस्थापक मनीष सभरवाल ने किया। उन्होंने कहा कि भाषावाद अनुवाद को भारतीय समाज के विविध स्वरों को जोड़ने का माध्यम बनाता है। प्रख्यात भाषाविद पैगी मोहन ने कहा कि अनुवाद भारत की भाषाई विविधता को जोड़ने वाला सशक्त सेतु बनेगा। उर्वशी बुटालिया, रितु मेनन, जेरी पिंटो, राणा सफवी और ए रेवती जैसे वक्ताओं ने अनुवाद की राजनीति, अर्थशास्त्र, तकनीक और चुनौतियों पर गहन विचार साझा किए। सम्मेलन में कई पैनल चर्चाएं भी हुईं, जिनमें महिला को लिखना, महिला का अनुवाद करना और ज्ञान का अनुवाद जैसे विषयों पर विचार विमर्श हुआ। इन सत्रों में महिला लेखन, नारीवाद, दलित साहित्य और अकादमिक शोध के अनुवाद की चुनौतियों और संभावनाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया। वहीं, अशोका सेंटर फॉर ट्रांसलेशन की सह-निदेशक रीता कोठारी ने कहा कि अनुवाद केवल भाषा बदलना नहीं है, बल्कि यह पूरी दुनिया को आपस में जोड़ने की प्रक्रिया है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 30, 2025, 21:30 IST
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