Sitapur News: मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी

नैमिषारण्य (सीतापुर)। माघ मास के प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या पर इस बार दुर्लभ संयोग बना। ज्योतिष के अनुसार करीब 20 वर्षों के बाद शनिवार के दिन मौनी अमावस्या पड़ी। शनिश्चरी मौनी अमावस्या पर्व पर लाखों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं ने स्नान दान एवं तर्पण किया।श्रद्धालुओं ने मौन रखकर आदि गंगा गोमती एवं आस्था के केंद्र चक्रतीर्थ में स्नान कर मौन व्रत पूर्ण किया। जिसके बाद तीर्थ पुरोहितों को दान देकर पुण्य एवं यश अर्जित किया। इस दौरान तीर्थ में श्रद्धालुओं ने विधि विधान से तीर्थ के मंदिरों में दर्शन पूजन किया व मनौतियां मांगीं। रात 12 बजे के बाद से ही तीर्थ व गोमती में स्नान एवं आचमन का सिलसिला शुरू हो गया था।पुरोहितों को अन्न एवं दक्षिणा भेंट कर पुण्य लाभ अर्जित किया। सुबह ठंड के चलते स्नानार्थियों की संख्या में थोड़ी कमी दिखी लेकिन सूर्य के उदय होते लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई। चक्रतीर्थ स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने मां ललिता देवी मंदिर में प्रसाद, चुनर चढ़ाकर माथा टेका और पवित्र पंच प्रयाग तीर्थ का मार्जन किया। प्रमुख दर्शनीय स्थलों कालीपीठ, हनुमान गढ़ी, सूत गद्दी, व्यासगद्दी, देवपुरी मंदिर, बाला जी मंदिर, देवदेवेश्वर समेत अनेक मंदिरों में माथा टेका एवं मनौतियां मांगी। इस दौरान पूजा पाठ अनुष्ठानों का दौर चलता रहा। तीर्थ स्थल पर यजमानों ने पितृदोष निवारण के लिए पुरोहितों से पिंडदान और तर्पण कराया। कालसर्प दोष, शनि ग्रह शांति के लिए पूजन दान किया। सुख शांति की कामना की। कालीपीठ संस्थान द्वारा पुजारी भास्कर शास्त्री ने श्रद्धालुओं को कढ़ी चावल वितरण किया।मौनी अमावस्या पर चप्पे-चप्पे पर पीएससी व पुलिस के जवान तैनात रहे। मेले का सीओ सुशील यादव, थाना प्रभारी दिग्विजय पांडेय, चौकी प्रभारी जय किशन तिवारी मेले का निरीक्षण करते दिखे।नैमिषारण्य में अमावस्या स्नान का विशेष महत्वमर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, सृष्टि के आदिपुरुष राजा मनु एवं रानी सतरूपा, भगवान बलराम समेत 88 हजार ऋषियों ने यहां स्नान किया है। एक कथा के अनुसार क्रीडा में पांडव, कौरव से अपना सर्वस्व हार गए थे। पांडवों को 12 वर्ष का अज्ञातवास प्राप्त हुआ था। इसमें उनको अपनी व्यक्तिगत पहचान छुपाकर रहना था। उस अवधि में उनकी पहचान प्रकट हो जाती तो उनकी अज्ञातवास की समयावधि बढ़ सकती थी। जिसके चलते पांडवों ने अज्ञातवास के समय नैमिषारण्य में रहकर तप किया। नैमिषारण्य में अमावस्या स्नान का विशेष महत्व है, जिसके चलते पांडवों ने यहां अमावस्या का स्नान किया था ।पवित्र सरोवर में स्नान करके कमाया पुण्यलहरपुर। क्षेत्र के प्रसिद्ध सूर्य कुंड मंदिर प्रांगण में शनिवार को मौनी अमावस्या पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र सरोवर में स्नान कर मनोकामना पूर्ण करने के लिए भगवान कामेश्वर नाथ मंदिर में पूजा की। सुबह से ही श्रद्धालुओं ने सूर्य कुंड मंदिर स्थित पवित्र सरोवर में स्नान कर मंदिर प्रांगण में स्थित कामेश्वर नाथ मंदिर में पूजा अर्चना की। इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं ने जगह-जगह हवन पूजन किया और आयोजित भंडारों में प्रसाद ग्रहण किया।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 22, 2023, 00:28 IST
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