Raebareli News: ऐशबाग माइनर पर बस गए मकान व दुकान

रायबरेली। शहर से निकली करीब तीन किलोमीटर लंबी ऐशबाग माइनर पर कहीं मकान बन गए तो कहीं शॉपिंग मॉल रहा है। सिंचाई विभाग के दस्तावेजों में माइनर दर्ज है लेकिन धरातल पर वह 30 साल पहले ही गायब हो चुकी है। शिकायत के बाद मंगलवार को सिंचाई विभाग और सदर तहसील के अफसर माइनर को खोजने निकले। हेड से लेकर टेल तक माइनर देखी। इस दौरान कहीं मॉल तो कहीं पर मकान बने मिले। अफसरों का कहना है कि चिह्नांकन के बाद माइनर पर बने भवन स्वामियों को नोटिस दिया जाएगा। जवाब न मिलने पर मकान ध्वस्त कराए जाएंगे।सिंचाई खंड दक्षिणी में राजस्व अभिलेखों में शहर में 3.300 किलोमीटर में ऐशबाग माइनर दर्ज है। यह माइनर रायबरेली माइनर से निकली थी। मोटल चौराहे से निकलकर उद्यान विभाग, फिरोज गांधी डिग्री कॉलेज के पास से होते हुए जिला जेल तक गई थी। कभी इस माइनर के पानी से जेल में खेती होती थी। करीब 30 साल पहले माइनर धरातल से गायब हो गई। लोगों ने मकान बना लिए। कुछ जमीन पर सड़क बन गई। मामले की शिकायत हुई तो अफसरों ने माइनर को खोजने में तेजी दिखाई।सिंचाई विभाग के एक्सईएन हेमंत कुमार वर्मा, सहायक अभियंता सौरभ चौधरी, एसडीएम न्यायिक राजेंद्र शुक्ला, एसडीएम सदर शिखा संखवार ने मंगलवार को मोटल चौराहे के पास हेड से लेकर टेल तक माइनर की जांच की। एक्सईएन ने बताया कि डीएम के निर्देश पर जांच शुरू कराई गई है। माइनर पर कई जगहों पर सड़कें बन गईं हैं। करीब 30 लोगों ने कब्जा कर बाउंड्रीवाॅल तो किसी ने मकान बना लिया है। जमीन चिह्नित होने के बाद लोगों को जगह खाली करने के लिए नोटिस भेजा जाएगा। पहले दिन करीब डेढ़ किमी. में माइनर की जांच की गई है।कहीं पर बन गए मॉल तो कहीं पर खड़ा हो गया आशियानाऐशबाग माइनर पर कब्जे के लिए सिंचाई विभाग और सदर तहसील के अधिकारी व कर्मचारी भी जिम्मेदार हैं। कई बार इसकी शिकायत भी हुई, लेकिन जिम्मेदारों ने अनसुनी की। यही वजह रही कि ऐेशबाग माइनर की जमीन पर कहीं मॉल तो कहीं दो मंजिला घर बन गए। बताया जा रहा है कि मामला शासन तक पहुंचा। शासन के निर्देश पर डीएम नेे टीम गठित कर जांच शुरू कराई।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 25, 2023, 00:49 IST
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