Noida News: मवेशी कर रहे फसलें बर्बाद, अन्नदाता का टूट रहा जिंदगी से नाता

इटावा। दिन रात एक करके फसल पैदा करने वाले किसानों के लिए अन्ना मवेशी मुसीबत का सबब बन गए हैं। किसानों की जान आफत में हैं। हाल ये है कि रात भर खेतों में रुकने के बाद भी फसल बच पाने से किसी की सदमे में जान जा रही है तो कोई ठंड में दम तोड़ रहा है। मवेशियों के हमलों का भी लोग शिकार हो रहे हैं। अधिकारी आदेश तो जारी कर रहे हैं लेकिन इन्हें गोशाला तक पहुंचाने के लिए कोई ठोस अभियान नहीं चला रहे। जिले के आठों ब्लाॅकों में 89 गोशालाएं हैं। सरकारी आंकड़ों की बात करें तो इनमें 10272 मवेशी बंद हैं। लेकिन जमीनी हकीकत देखें तो बड़ी संख्या में अन्ना मवेशी गली, मोहल्लों, मुख्य सड़कों और मैदानों में घूम रहे हैं। अन्ना मवेशियों का झुंड खेतों में घुसकर फसलों को बर्बाद कर रहा है। जमा पूंजी और उधारी लेकर किसान पूरी मेहनत से फसल तैयार तो करता है लेकिन बचा नहीं पाता। एक मवेशी की खुराक के लिए रोजाना 30 रुपये मिलते हैं, जबकि इन्हें भरपेट चारा देने पर ही करीब 100 रुपये खर्च हो जाते हैं। ऐसे में ब्लाॅक अधिकारी और प्रधान की ओर से गोशाला में मवेशियों को रखने की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। फोटो-16- भरथना के पालीखुर्द गांव के किसान सत्यप्रकाश की फसल को अन्ना मवेशियों ने नुकसान पहुंचाया। संवादकेस-1आर्थिक तंगी से पहले ही जूझ रहे सत्यप्रकाश की जब फसल भी खराब होने लगी तो उन्होंने शुक्रवार सुबह फंदा लगाकर जान दे दी। सत्यप्रकाश की मौत से परिवार पर पहाड़ टूट पड़ा। पत्नी विजयकांती ने बताया कि अब परिवार की गुजर बसर कैसे होगी, कुछ पता नहीं। पति के सहारे ही परिवार चल रहा था। बेटियों की शादी की चिंता है। केस-2चकरनगर के गोपालपुरा गांव निवासी किसान कैलाश गेहूं की फसल की रखवाली के लिए कई दिन से खेत में रुक रहे थे। 17 जनवरी की सुबह घर लौटे तो उनकी हालत बिगड़ गई। परिजन मेडिकल कॉलेज ले गए, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पत्नी राजनश्री ने बताया कि अन्ना मवेशियों से फसल बचाना किसी चुनौती से कम नहीं है। पति की मौत से उनका सहारा चला गया।केस-3पांच नवंबर को गोपियापुर गांव में खेतों पर फसल की रखवाली कर रहे किसान मुन्ना लाल शाक्य पर छुट्टा गोवंशों ने हमला कर दिया। इसमें वह घायल हो गए। छह नवंबर को उपचार के दौरान इनकी मौत हो गई। बेटे अरुण कुमार ने बताया कि अन्ना मवेशी कई किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा चुके हैं। अब तो परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है।केस-4बकेवर के ग्राम वीरपुर निवासी किसान संतोष तिवारी (62) अन्ना मवेशियों से फसल बचाने के लिए रात भर खेत में रुके। नौ जनवरी को घर लौट रहे थे, तभी रास्ते में ठंड लगने से उनकी हालत बिगड़ गई। घर आते ही वह गिर गए। परिजन तुरंत अस्पताल ले गए। जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। पत्नी पुष्पादेवी और बेटे अनुज कुमार ने बताया कि परिवार को कोई मुआवजा भी नहीं मिला। किसानों ने बताई समस्याजसवंतनगर के भीखन गांव निवासी दीवान सिंह ने बताया कि उनके खेत में गेहूं की फसल लगी है। रात भर निगरानी करने के बाद भी अन्ना मवेशी उनकी तीन बीघा गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा चुके हैं।नगला खुमान गांव के शिवराज ने बताया कि अन्ना मवेशियों ने उनकी चार बीघा गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा दिया। रात भर फसल की रखवाली की थी लेकिन जैसे ही घर आए नुकसान हो गया। ये भी हुए हादसों का शिकार- नवंबर में कस्बा बकेवर में व्यासपुर कोठी के पास जा रहा बाइक सवार सुमित गोवंश से टकराने से घायल हो गया था। - एक माह पहले शेरपुर के पूर्व ग्राम प्रधान पत्नी सहित दवा लेकर घर आ रहे थे। शाम के समय औरैया रोड पर पराग डेयरी के पास बीच सड़क पर बैठे गोवंश से बाइक टकरा गई। हादसे में दंपती घायल हो गए थे। - आठ माह पहले नोएडा के रहने वाले डॉक्टर सहयोगी के साथ कानपुर जा रहे थे। परसुपुरा के सामने सिक्सलेन पर आए गोवंशों से उनकी कार टकराकर पलट गई थी। इसमें 27 वर्षीय युवा डॉक्टर की मौके पर ही मौत हो गई थी। सभी बीडीओ से क्षेत्र में सर्वे कराकर अन्ना मवेशियों की संख्या मांगी गई है। सार्वजनिक स्थानों, गांवों में चहलकदमी करने वाले मवेशियों की गणना करने के लिए कहा गया है। इन्हें पकड़ने के लिए अभियान चलाया जाएगा। हर ब्लाॅक में एक-एक गोशाला और बनवाई जाएगी। कोशिश है कि जल्द अन्ना मवेशियों से किसानों को छुटकारा दिलाया जाए। - दीनदयाल वर्मा, डीडीओ

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 22, 2023, 00:44 IST
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