लंबे काल से सामान्य जन के लिए एक पहेली रही है जन्म और मृत्यु : नागेंद्र

अयोध्या। जन्म और मृत्यु लंबे काल से सामान्य जन के लिए एक पहेली रही है। मृत्यु आत्मा के अनंत जीवन प्रवाह में केवल एक पड़ाव है। योग और ध्यान के प्रयोग से जन्म-मरण के बंधनों से मुक्ति पाई जा सकती है। यह बातें बंगलुरू निवासी प्रख्यात शिक्षाविद आचार्य नागेंद्र ने कहीं। वे शुक्रवार को तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन मृत्युंजय के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। श्रृंगेरी शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य भारती तीर्थ व मैसूर स्थित योगानंद सरस्वती मठ के पीठाधीश्वर शंकर भारती महास्वामी के संरक्षण व वेदांत भारती व श्री शंकराचार्य वांग्मय सेवा परिषद के संयोजन में अवध विश्वविद्यालय में सम्मेलन की शुरुआत हुई। स्वागत भाषण पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल ने किया। आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. रवि शंकर ने बताया कि सम्मेलन का विषय मृत्यु, जन्म और पुनर्जन्म है। इन्हीं तीनों आयामों के सार के रूप में सम्मेलन का नाम मृत्युंजय दिया गया है। इसमें देश-विदेश से 500 प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। आभार ज्ञापन डॉ अनामिका पांडेय ने किया। उद्घाटन सत्र के बाद कार्यक्रम में पहुंचे प्रतिनिधियों ने देर शाम मां सरयू की आरती में शामिल होकर पुण्य अर्जन किया।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 28, 2023, 00:44 IST
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