Charkhi Dadri News: गोबर के बदले अचीना के 2000 घरों को मिलेगी कुकिंग गैस

चरखी दादरी। गांव अचीना के घरों में अब कुकिंग गैस पाइप लाइन के जरिये सप्लाई होगी। इसके लिए पंचायती राज विभाग की ओर से यहां 48 क्यूम क्षमता के बायोगैस प्लांट का निर्माण कराया जाएगा। खास बात यह है कि यह कार्य शुरू हो चुका है और इस प्रोजेक्ट पर 70 लाख रुपये लागत आएगी। जुलाई के मध्य तक यह प्लांट शुरू हो जाएगा और इसके बाद 31 जुलाई से घरों में कुकिंग गैस की आपूर्ति शुरू कर दी जाएगी।गांव के सभी घरों को कवर करने के लिए पाइप लाइन डाली जाएगी और इसके जरिये ही घरों तक गैस पहुंचेगी। प्रतिदिन कितनी गैस एक घर को मिलेगी इसका पता प्लांट निर्माण कार्य पूरा होने के बाद लगेगा। यह प्रोजेक्ट पूरा होने पर अचीना जिले का एकमात्र ऐसा गांव हो जाएगा जिसमें कुकिंग गैस घरों तक बिन रुपये दिए मिलेगी। हालांकि इसके लिए घरों को गोबर देना होगा। पंचायती राज विभाग ने योजना अनुसार पंचायत की डेढ़ कनाल जमीन पर बायोगैस प्लांट का निर्माण शुरू करवा दिया है। इसे गांव की गोशाला से जोड़ा जाएगा।बता दें कि पशुओं के गोबर का इस समय जलाने के रूप में ही ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। खासकर गोशालाओं में गोबर के इस्तेमाल को लेकर दिक्कत बनी रही है। कुछ किसान गोशालाओं से गोबर को खेतों में डालने के लिए खरीद लेते हैं लेकिन फिर भी इसका समायोजन नहीं हो पाता है। इसका ररख-रखाव व प्रबंधन करना मुश्किल हो जाता है। इसके लिए जगह का भी अभाव बना रहता है। जिले भर में 10 से ज्यादा गोशालाएं हैं जिनमें हजारों की संख्या में गोवंश की सेवा की जा रही है। गायों के लिए चारे का प्रबंध ग्रामीणों की ओर से किया जाता है। अब सरकार ने गोशालाओं में गोबर के प्रबंधन के लिए प्रोजेक्ट बनाए हैं। इसके तहत गांव अचीना में बायोगैस प्लांट निर्माण पर काम शुरू हो गया है। संवाद- गोशाला से मिलेगा गोबर, गैस बनाने के बाद खेतों में डाल सकेंगे किसान इस प्लांट को गांव अचीना में ही स्थित गोशाला से लिंक किया जाएगा ताकि गोबर पर्याप्त मात्रा में मिलता रहे और गैस का उत्पादन होता रहे। तैयार गैस का गोशाला में ज्यादा इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अलावा गांव में लोगों को कनेक्शन जारी किए जा सकेंगे। इसका इस्तेमाल कुकिंग गैस के रूप में घरों में किया जा सकेगा लेकिन इससे पहले गोशाला की खपत की पूर्ति की जाएगी उसके बाद बची हुई गैस को घरों में सप्लाई किया जाएगा। - सात लाख में आएगी 400 क्यूम क्षमता की मशीनगैस तैयार होने के बाद अवशेष के रूप में बचे हुए गोबर को जैविक खाद के रूप में इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसका खेतों में इस्तेमाल किया जा सकेगा। विभाग करीब सात लाख से ज्यादा कीमत की बायोगैस मशीन लगाएगा। इस मशीन की क्षमता 400 क्यूम गोबर होगी। योजना को धरातल पर परवान चढ़ाने के लिए विभाग ने टैंक निर्माण शुरू करवा दिया है।बॉयोगैस प्लांट निर्माण का कार्य शुरू हो गया है। 31 जुलाई तक निर्माण कार्य पूरा होना है। इससे गोशाला में व ग्रामीणों को रसोई गैस की आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए बड़ी मशीन लगाई जानी है। ग्रामीणों से गोबर लेकर बदले में गैस दी जाएगी।-भरत सिंह, एक्सईएन, पंचायत राज

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 24, 2023, 00:19 IST
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