Barabanki News: तीन पुश्तों बाद पट्टेदारों काे मिला जमीन पर कब्जा

बाराबंकी। 45 साल बाद आखिरकार उन लोगों को अपनी जमीन वापस मिल गई जो कब्जेदारों के डर और रसूख के आगे मुंह नहीं खोलते थे। रामसनेहीघाट तहसील के बसंतपुर पत्रा गांव में 45 साल से अधिक दबंगों का राज चल रहा था। करीब 200 हेक्टेयर जमीन पर मुट्ठी भर दबंगों का कब्जा था। लेकिन पिछले एक सप्ताह से राजस्व व पुलिस विभाग की टीम ने इन दबंगों के कब्जे से पूरी जमीन मुक्त ही नहीं करा ली बल्कि गरीबों को सौंप भी दी। इनमें एक दर्जन से अधिक ऐसे लोग हैं जिनके बाबा-दादा को पट्टा मिला था और पौत्र को कब्जा मिला। अब इन कब्जेेदारों पर ताबड़तोड़ पांच मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इससे साफ है कि अब उन पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी है। रामसनेहीघाट तहसील के बसंतपुर और पत्रा गांव में वर्ष 1976 में 136 गरीबों को कृषि योग्य 141 हेक्टेयर (करीब 1400 बीघा ) का पट्टा किया गया था। जिस जमीन का पट्टा किया गया उस पर गांव के बृजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ जीत बहादुर सिंह, कृष्ण प्रताप सिंह, योगेन्द्र प्रताप सिंह, अखंड प्रताप सिंह, संजीत सिंह व संजय सिंह ने कब्जा कर लिया था। तहसील और पुलिस प्रशासन कई प्रयासों के बावजूद इनके राजनीतिक पहुंच और रसूख के आगे जमीन का कब्जा नहीं दिला सका था, कागजों पर जरूर नाम चलता रहा। दस वर्ष पहले कब्जा दिलाने गई राजस्व विभाग की टीम पर इन दबंगों ने मुकदमा तक लिखवा दिया था। दस दिन पहले एसडीएम रामसनेहीघाट रामआसरे वर्मा ने अभियान चलाकर जमीन को कब्जे से मुक्त कराकर पट्टा धारकों को सौंप दी गई, यह कार्रवाई अभी जारी है। एसडीएम रामआसरे वर्मा बताते हैं कि दबंगई ऐसी थी कि इनकी दहशत के आगे लेखपाल और कानूनगो भी कांपते थे। एसडीएम ने बताया कि पट्टे की सरकारी भूमि के अलावा अपनी पट्टीदारों की पुश्तैनी जमीन पर भी इन दबंगों ने अपने कब्जे में कर रखा था। जिन 136 पट्टेदारों को जमीन दी गई थी उनके परिवार की संख्या बढ़कर अब 650 पहुंच गई है। इनमें से 500 को कब्जा दिला दिया गया है अन्य के प्रक्रिया चल रही है। 12 से अधिक ऐसे पट्टा धारक सामने आए हैं जिनकी तीसरी पीढ़ी को कब्जा दिया गया है। बाक्स- लेखपाल निलंबित, नायब तहसीलदार और कानूनगो की संस्तुतिएसडीएम रामसनेहीघाट ने बताया कि दबंगों के कब्जे से जमीन मुक्त कराने में संदिग्ध भूमिका पाए जाने पर लेखपाल भानु प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है। इतना ही नहीं नायब तहसीलदार प्रयाग पांडेय व कानूनगो पन्नालाल को निलंबित करने के लिए संस्तुति कर दी गई है। लेखपाल और कानूनगो के खिलाफ तहसीलदार द्वारा केस भी दर्ज कराया जा चुका है। बाक्स- मजदूरी से मिलेगी निजात, अब अपने खेतों में करेंगे कामफोटो- 35,36,37,38, 39टिकैतनगर। बसंतपुर निवासी रामफल ने बताया कि लगभग 40 वर्ष पूर्व पट्टे में जमीन मिली थी लेकिन कब्जा नहीं मिल सका था। मजदूरी कर घर चलाया जा रहा था। 40 साल बाद अब अपनी जमीन पर खेती की जाएगी। सरकार और प्रशासन ने हमें अब अपनी जमीन का मालिक बना दिया है। दयाराम ने बताया कि अपनी जमीन होने के बाद भी दूसरों को खेत में मजदूरी करते जिंदगी बीत गई। अब जाकर प्रशासन ने हमारी जमीन है हमको दिलाई हैं। अब हमारे बच्चों को दूसरे के खेतों में मजदूरी नहीं करनी पड़ेगी। रामकिशोर ने बताया कि जवानी के समय जब खेती किसानी के लायक थे तो उनकी जमीन दूसरों के कब्जे में थी। प्रशासन ने जमीन पर कब्जा दिलाया है। वरदान तिवारी ने बताया कि उनकी पुश्तैनी जमीन थी लेकिन कभी वह वहां से एक दाना अनाज नहीं लाए। कब्जेदारों के विरुद्ध बोलने की हिम्मत किसी में नहीं थी। जिंदगी में जमीन वापस मिलने की उम्मीद तो नहीं थी लेकिन सरकार ने जमीन दिला कर जीवन में खुशी ला दी है। अभय ने बताया कि हमारे पिता राघवेन्द्र को पट्टा मिला था लेकिन कब्जा नहीं मिल सका था अब प्रशासन ने कब्जा दिला दिया है इसके लिए जिला प्रशासन का जितना भी आभार जताया जाए, कम है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 16, 2023, 00:51 IST
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