Ambedkar Nagar News: मेडिकल कॉलेज के 34 चिकित्सकों ने खोला मोर्चा

अंबेडकरनगर। राजकीय मेडिकल कॉलेज सद्दरपुर में हालात और बिगड़ गए हैं। छात्र-छात्राओं के आंदोलन के बाद अब 34 चिकित्सकों ने प्राचार्य के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। चिकित्सकों ने धमकी देने और उत्पीड़न करने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा को सामूहिक रूप से पत्र भेजकर शिकायत की है।महामाया राजकीय मेडिकल कॉलेज सदरपुर में हालात एक बार फिर से गर्म हो गए हैं। बीते दिनों छात्र-छात्राओं ने प्राचार्य के विरुद्ध जमकर नारेबाजी व प्रदर्शन किया था। इसमें प्राचार्य व अन्य पर कई तरह के शोषण व उत्पीड़न के आरोप लगाए गए थे।हालात बेकाबू होते देख महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा श्रुति सिंह तीन अन्य अधिकारियों के साथ यहां पहुंची थी। उन्होंने प्राचार्य को कड़ी फटकार लगाने के साथ ही एक्स्ट्रा क्लास कराकर वंचित छात्र-छात्राओं को परीक्षा दिलाने को कहा। इसके बाद छात्रों का आंदोलन समाप्त हो गया था।माना जा रहा था कि जल्द ही प्राचार्य पर भी गाज गिर जाएगी। हालांकि ऐसा नहीं हो सका। इसी के चलते अब मेडिकल कॉलेज में फिर से तनाव बढ़ गया है। हालात अब पहले से भी ज्यादा बेकाबू हो चले हैं। दरअसल कॉलेज में आचार्य, सह आचार्य और सहायक आचार्य पद पर तैनात 34 चिकित्सकों ने प्राचार्य डॉ. संदीप कौशिक के विरुद्ध सीधा मोर्चा खोल दिया है।सामूहिक हस्ताक्षर के साथ इन चिकित्सकों ने महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा को पत्र भेजकर प्राचार्य पर धमकी देने तथा अनावश्यक नोटिस देकर मानसिक रूप से उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।चिकित्सकों ने पत्र में यह भी कहा है कि अपने कार्यालय कक्ष में बुलाकर प्राचार्य द्वारा अपशब्दों का प्रयोग करते हुए अपमानित किया जा रहा है। प्राचार्य के इस रवैये से सभी संकाय सदस्य मानसिक रूप से अत्यंत परेशान व व्यथित हैं। वे सभी भविष्य को लेकर अत्यधिक चिंतित एवं भयभीत भी हैं।चिकित्सकों ने महानिदेशक से पत्र का संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करने की मांग की है जिससे वे सब पूरे मनोयोग से अपने चिकित्सा एवं शैक्षणिक दायित्वों का निर्वहन कर सकें। चिकित्सकों ने प्रमुख सचिव चिकित्सा तथा जिलाधिकारी को भी पूरे घटनाक्रम की प्रतिलिपि भेजी है।बीते दिनों प्राचार्य से नाराज छात्रों ने ओपीडी तक बंद करा दी थी। ऐसा तब हुआ था जब जिला प्रशासन से प्राचार्य की शिकायत से नाराज होकर कई छात्र-छात्राओं को कम हाजिरी के आधार पर परीक्षा देने से रोक दिया गया था। छह छात्र-छात्राओं की तबीयत बिगड़ने के बाद जूनियर डॉक्टरों का आक्रोश भड़क उठा था। हालात को काबू में करने के लिए कई थानों की फोर्स के साथ ही पुलिस और प्रशासनिक अफसर भी मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे लेकिन छात्र-छात्राओं का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा था। इसे देखते हुए महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा श्रुति सिंह का कार्यक्रम तय हुआ तो छात्र-छात्राएं शांत हुए।छात्र-छात्राओं की शिकायत पर जिला प्रशासन की जांच में भी प्राचार्य फंसे थे। एडीएम और एएसपी की संयुक्त जांच रिपोर्ट अब सामने आई है। इसमें साफ तौर पर कहा गया कि प्राचार्य छात्र हितैषी नहीं है। उनके द्वारा स्वयं या फिर अधीनस्थों के माध्यम से छात्र-छात्राओं का कई प्रकार से आर्थिक एवं मानसिक शोषण किया जा रहा है।रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि छात्र-छात्राओं के साथ दुर्व्यवहार एवं अमर्यादित टिप्पणी किए जाने के साथ उन्हें धमकियां भी दी जा रही हैं। इससे मेडिकल कॉलेज के ज्यादातर छात्र-छात्राएं अत्यधिक निराश एवं भयभीत हैं।ऐसे में छात्र-छात्राओं के भविष्य तथा शांति व्यवस्था के मद्देनजर प्राचार्य को अविलंब यहां से हटाए जाने की जरूरत है। उधर जिला प्रशासन की यह रिपोर्ट दिसंबर में ही शासन को भेजी जा चुकी है। इसके बावजूद अब तक इस रिपोर्ट पर कोई निर्णय नहीं लिया गया।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 19, 2023, 23:42 IST
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