Murshidabad Babri Masjid: बंगाल में बाबरी मस्जिद नींव रखने पर भड़के संत, हुंमायूं को दी चेतावनी!
उत्तर प्रदेश में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) यानी विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान को लेकर हाल के दिनों में एक बड़ा विवाद खड़ा हुआ है, जिसका केंद्र बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) रहे हैं। SIR, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए चलाया गया एक राष्ट्रव्यापी अभियान है, जिसका उद्देश्य मृत मतदाताओं, स्थायी रूप से स्थानांतरित हो चुके मतदाताओं और डुप्लीकेट नामों को हटाकर सूची का शुद्धिकरण करना है, साथ ही नए मतदाताओं को जोड़ना भी है। SIR विवाद मुख्य रूप से BLO पर अत्यधिक कार्यभार और काम के दबाव से उपजा है। बीएलओ, जो कि अक्सर प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक, शिक्षामित्र या आंगनवाड़ी कार्यकर्ता होते हैं, को घर-घर जाकर मतदाता सूची का सत्यापन करना, फॉर्म भरवाना और डेटा का डिजिटाइजेशन करना होता है। बीएलओ के प्रतिनिधियों और विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि इस अभियान के दौरान काम के बोझ और प्रशासनिक दबाव के चलते कई बीएलओ की मौतें हुई हैं (कथित तौर पर आत्महत्या भी शामिल है) और उन्हें लक्ष्य पूरा न करने पर एफआईआर दर्ज कराने की धमकियाँ दी जा रही हैं। विपक्षी दल (जैसे समाजवादी पार्टी) ने आरोप लगाया है कि SIR के बहाने गरीबों, पिछड़ों और मुसलमानों के नाम मतदाता सूची से काटे जा रहे हैं, जबकि निर्वाचन आयोग और सरकार इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे केवल मतदाता सूची शुद्धिकरण की सामान्य प्रक्रिया बता रहे हैं। मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा, जिसने बीएलओ की समस्याओं पर संज्ञान लिया और निर्वाचन आयोग से आवश्यक कदम उठाने को कहा। BLO भारत निर्वाचन आयोग के जमीनी स्तर पर प्रतिनिधि होते हैं और लोकतंत्र के सच्चे सिपाही माने जाते हैं। उनका मुख्य कार्य अपने आवंटित मतदान केंद्र क्षेत्र के लिए मतदाता सूची से संबंधित सभी कार्यों को देखना है। डोर-टू-डोर सत्यापन: घर-घर जाकर यह सुनिश्चित करना कि मतदाता सूची में दर्ज नाम सही हैं, कोई मतदाता मृत या स्थानांतरित तो नहीं हो गया है, और नए पात्र मतदाताओं के नाम जोड़ना। नए नामांकन, नाम हटाने, संशोधन या पते के बदलाव के लिए फॉर्म-6, 7, 8 आदि को नागरिकों से सीधे प्राप्त करना। निर्वाचन सेवाओं को नागरिकों तक पहुंचाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करना। मतदाताओं को मतदान के महत्व और प्रक्रिया के बारे में जागरूक करना। बीएलओ की मेहनत मतदाता सूची की सटीकता और आगामी चुनावों की निष्पक्षता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, लेकिन SIR के दौरान उन पर आया भारी दबाव इस विवाद का प्रमुख कारण बना। SIR को लेकर लोगों में कई गलतफहमियां और शक हैं। अगर कोई परिवार BLO के दौरे के समय मौजूद नहीं रहता है, तो उन्हें गैरहाजिर माना जा सकता है और उनके वोटिंग अधिकार जाने का खतरा हो सकता है। BLO पर दबाव है, क्योंकि उन्हें बहुत कम समय दिया जाता है। वे BLA के सपोर्ट के बिना अकेले पूरी प्रक्रिया पूरी नहीं कर सकते। प्रक्रिया में जो गलतियां सामने आ रही हैं, उन्हें हम चुनाव आयोग के ध्यान में ला रहे हैं
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 08, 2025, 03:37 IST
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