MP Weather Today: बर्फीली हवाओं ने बढ़ाई कंपकंपी, 2 दिन और अलर्ट,21 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे

मध्यप्रदेश में एक बार फिर कड़ाके की ठंड लौट आई है। उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं के चलते शीतलहर का प्रभाव तेज हो गया है। करीब दो हफ्ते बाद प्रदेश में कोल्ड वेव और कोल्ड डे की स्थिति बनी है। राजधानी भोपाल में शनिवार-रविवार की रात न्यूनतम तापमान 7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि इंदौर और ग्वालियर में पारा 8.4 डिग्री तथा जबलपुर में 8.6 डिग्री तक गिर गया। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे के लिए शीतलहर का अलर्ट जारी किया है। पचमढ़ी सबसे ठंडा, कई जिलों में सिंगल डिजिट तापमान प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी बीती रात सबसे ठंडा रहा, जहां तापमान 5.4 डिग्री दर्ज किया गया। उमरिया में 6.1 डिग्री, राजगढ़ में 6.6 डिग्री और रीवा में 6.8 डिग्री तापमान रिकॉर्ड हुआ। मलाजखंड, मंडला, रायसेन, बैतूल, सतना, सीधी और दमोह सहित कुल 21 शहरों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे रहा। अगले दो दिन अलर्ट मोड पर मौसम विभाग मौसम विभाग के अनुसार रविवार को भोपाल, सीहोर, राजगढ़ और शाजापुर में तेज सर्द हवाओं के साथ शीतलहर का असर रहेगा। वहीं सोमवार को भोपाल, राजगढ़, शाजापुर, सीहोर, सिवनी और शहडोल में कोल्ड वेव की स्थिति बन सकती है। ठंडी हवाओं की रफ्तार बढ़ने से ठिठुरन और बढ़ने की संभावना जताई गई है। पहाड़ों की बर्फबारी से बढ़ी ठंड वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में बर्फबारी और बारिश हुई है। इसके बाद पहाड़ों से निकलकर आने वाली बर्फीली हवाएं सीधे मध्यप्रदेश पहुंच रही हैं। पिछले दो दिनों से यही हवाएं प्रदेश में ठंड का असर बढ़ा रही हैं। यह भी पढ़ें-भोपाल जिला यूथ कांग्रेस अध्यक्ष पद पर घमासान, नव नियुक्त अध्यक्ष पर महिलाओं ने लगाए गंभीर आरोप इन संभागों में ठंड का सबसे ज्यादा प्रभाव ग्वालियर, चंबल, उज्जैन और सागर संभाग बीते दो दिनों से सबसे ज्यादा ठंड की चपेट में हैं। उत्तर भारत से सीधे सर्द हवाएं आने के कारण इन इलाकों में दिन और रात दोनों समय तापमान औसत से नीचे बना हुआ है। यह भी पढ़ें-एमपी में कड़ाके की ठंड का कहर, न्यूनतम पारा 4 डिग्री पर पहुंचा, शीतलहर से ठिठुरा मध्यप्रदेश दिसंबर-जनवरी में और बढ़ेगी ठंड मौसम विभाग का कहना है कि इस साल ठंड का असर सामान्य से ज्यादा रहेगा। भोपाल में नवंबर में ही 84 साल पुराना रिकॉर्ड टूट चुका है, जबकि इंदौर में 25 साल में इतनी ठंड पहली बार दर्ज की गई। विशेषज्ञों के मुताबिक दिसंबर और जनवरी ठंड के लिहाज से सबसे अहम महीने होते हैं और इस दौरान शीतलहर और मावठा दोनों का असर देखने को मिल सकता है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 07, 2025, 07:59 IST
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