MP News: टाट के बंडलों के नीचे कराहती गायें! गोरक्षकों की सूझबूझ से उजागर हुआ खौफनाक तस्करी कांड

भोपाल-ब्यावरा मार्ग एनएच-46 पर गोरक्षकों द्वारा गौवंश तस्करी के संगठित रैकेट का पर्दाफाश कर दिया गया। राजस्थान के टोंक से निकले ट्रक क्रमांक RJ 26 GA 7357 में टाट के बंडलों के नीचे बेजुबान गोवंश ठूंसे ले जाए जा रहे थे। गोरक्षकों को गुप्त सूचना मिली तो उन्होंने राजस्थान सीमा से ही ट्रक पर नजर बनाए रखी और दोराहा थाना क्षेत्र में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर ट्रक को घेरकर रोक लिया। तभी ट्रक चालक और क्लीनर मौके देखकर कूदकर भाग निकले, लेकिन दो संदिग्ध कार्यकर्ताओं के हत्थे चढ़ गए। ट्रक के भीतर सामान्य बोरे के बंडलों की परत थी, जिसे देखकर कोई अंदाजा नहीं लगा सकता था कि अंदर किस भयावह क्रूरता को छिपाया गया है। जैसे ही गोरक्षकों ने बोरों के ढेर हटाए, नीचे जालीदार शेल्टर में रस्सियों से बांधे 28 गोवंश कराहते मिले। कई के मुंह और पैर बांधे थे, ताकि आवाज और हरकत बाहर न जा सके। दम घुटने से एक गाय की वहीं मौत हो चुकी थी। जिस दृश्य को देखकर मौके पर मौजूद लोगों की आंखें भर आईं और गुस्सा उबाल मारने लगा। दो नंबर प्लेट का खुलासा, तस्करी नेटवर्क की ओर इशारा जांच के दौरान कार्यकर्ताओं को ट्रक के फ्रंट पर नंबर प्लेट संदिग्ध लगी। जब ऊपर की नंबर प्लेट हटाई गई, तो उसके नीचे दूसरी अलग नंबर प्लेट मिली- RJ 26 GA 7357 के नीचे UP 31 T 9688। दो नंबर प्लेट वाले ट्रक का उपयोग आमतौर पर पुलिस पेट्रोलिंग चकमा देने और GPS लोकेशन को भ्रमित करने के लिए किया जाता है, जिससे साफ संकेत मिलता है कि यह तस्करी कोई सामान्य घटना नहीं बल्कि संगठित नेटवर्क द्वारा किया जा रहा था। आरोपी पकड़ाए, पुलिस ने मौके पर दबिश बढ़ाई सूचना के बाद दोराहा थाना पुलिस भी मौके पर पहुंची। ट्रक में छुपे दो तस्कर अब्दुल सत्तार पिता अलादीन और मुंशी पिता जुम्मा खान (निवासी इस्लामपुर, थाना नुक्कड़, मानपुर, जिला टोंक) पकड़े गए। पुलिस ने दोनों से सख्ती से पूछताछ शुरू कर दी है, जबकि फरार चालक और क्लीनर की तलाश जारी है। पुलिस का मानना है कि पकड़े गए आरोपी गोरक्षकों की उपस्थिति न होने करते तो ट्रक को गंतव्य तक ले जाकर गौवंश वध के लिए उतार दिया जाता। मामला मंगलवार का है, जिसकी कार्रवाई रात तक चली। गोवंश को सुरक्षित पहुंचाया गया गौशाला, हालत गंभीर हिंसक भीड़भाड़ में ठूंसकर भरे जाने से ज्यादातर गौवंश गंभीर हालत में मिले। कई के पैरों में सूजन, मुंह पर घाव और पेट में खून जमने जैसे संकेत थे। गोरक्षकों और विहिप बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने ट्रक से सभी पशुओं को उतारकर प्राथमिक पानी, चारा दिया और फिर पशु चिकित्सक की मौजूदगी में झरखेड़ा गौशाला तक पहुंचाया। घटना के दौरान दौड़भाग और दहशत की वजह से कार्यकर्ताओं में भी तनाव देखा गया पर किसी ने हिम्मत नहीं छोड़ी। ये भी पढ़ें-अमूल, सांची का नकली घी बनाने वालों पर केस, घर के अंदर ही चल रही थी फैक्ट्री तस्करी गैंग की कड़ियां खंगाली जा रहीं मामले में दोराहा थाना प्रभारी राजेश सिन्हा का कहना है कि ट्रक को रोककर उसकी तलाशी ली गई, तो बोरों के बंडल के नीचे गोवंश दबे नजर आए। दो आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा वाहन के दो पंजीयन नंबर पाए जाने पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। तस्करी गैंग की कड़ियां खंगाली जा रहीं हैं। दोराहा पुलिस ने धारा 4, 6, 9 म.प्र. गौवंश प्रतिषेध अधिनियम 2004, धारा 11(1) (घ) पशु क्रूरता अधिनियम 1960 व 325 BNS के तहत प्रकरण कायम कर लिया है। पुलिस ने साफ किया है कि केवल ट्रक और पकड़े आरोपियों तक बात नहीं रुकेगी, बल्कि पूरे तस्करी नेटवर्क, फाइनेंसरों और खरीददार स्थानों तक जांच पहुंचाई जाएगी। वहीं बजरंग दल और विहिप ने दो टूक चेतावनी दी है कि गौवंश तस्करी की हर कोशिश नाकाम की जाएगी, चाहे तरीका कितना भी शातिर क्यों न हो।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 26, 2025, 07:20 IST
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