Jabalpur: पूर्व मंत्री पटेरिया की जमानत पर फैसला सुरक्षित, कांग्रेस विधायक अजब सिंह को सजा से राहत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री व कांग्रेस नेता राजा पटेरिया की जमानत अर्जी पर जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। वहीं, मुरैना के सुमावली के कांग्रेस विधायक अजब सिंह कुशवाह को हाईकोर्ट ने सजा से राहत दे दी है। पटेरिया की जमानत अर्जी पर जस्टिस संजय द्विवेदी की एकल पीठ ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। प्रधानमंत्री पर टिप्पणी के बाद पन्ना के पवई थाने में राजा पटेरिया के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने 13 दिसंबर को राजा पटेरिया को पुलिस गिरफ्तार किया था। पवई कोर्ट और उसके बाद ग्वालियर जिले की विशेष (एमपी-एमएलए) कोर्ट से दो बार जमानत खारिज हुई। इसके बाद पटेरिया ने हाईकोर्ट की ग्वालियर पीठ में जमानत याचिका दायर की थी। यह याचिका जबलपुर की मुख्य पीठ में ट्रांसफर कर दी गई। मंगलवार को सुनवाई के दौरान पटेरिया की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर ने दलील दी कि आवेदक के खिलाफ जो धाराएं लगाई गई हैं, उसमें कोई तथ्य नहीं हैं। मामला राजनीति से प्रेरित है। पटेरिया ने जो वक्तव्य दिया था, उसी में मंतव्य भी स्पष्ट कर दिया था। उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया था। वहीं, शासन की ओर से जमानत का विरोध किया गया। उभयपक्षों की बहस सुनने के बाद न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। कांग्रेस विधायक कुशवाह की सजा पर रोक इस बीच, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच ने मुरैना के सुमावली से कांग्रेस विधायक अजब सिंह कुशवाह को राहत प्रदान की है। ग्वालियर की विशेष कोर्ट से मिली सजा पर जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने आगामी सुनवाई तक रोक लगा दी है। इसके साथ ही अजब सिंह की जमानत अर्जी को स्वीकार कर लिया है। न्यायालय ने उनकी पत्नी शीला कुशवाह का आवेदन निरस्त कर दिया। धोखाधड़ी के आरोप में सुनाई थी सजा विधायक अजब सिंह, उनकी पत्नी शीला कुशवाहव दोस्त कृष्ण गोपाल चौरसिया को ग्वालियर की विशेष (एमपी-एमएलए) कोर्ट ने 2 दिसंबर 2022 को धोखाधड़ी के मामले में को दो-दो साल की सजा सुनाई थी। विधायक और उनकी पत्नी पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी जमीन को अपनी बताकर दो बार बेच दिया। विधायक की ओर से कहा गया कि उक्त मामले में उनकी कोई भूमिका नहीं है। सरकारी जमीन बेचने का मामला दरअसल, सरकारी जमीन विधायक की पत्नी के नाम पर थी और उसकी पॉवर ऑफ अटॉर्नी सह अभियुक्त कृष्ण गोपाल चौरसिया को दी थी। चौरसिया ने जमीन पीएम शाक्य को बेच दी थी, जिसके एवज में 7 लाख 43 हजार रुपये लिए गए थे। आवेदक की ओर से कहा गया कि विधायक चूंकि शीला के पति हैं, इसलिए उन्हें भी मामले में आरोपी बनाया गया है। यह दलील भी दी गई कि आवेदक वर्तमान में विधायक हैं और यदि सजा पर रोक नहीं लगाई गई तो उनकी विधायकी खतरे में आ जाएगी। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने आवेदक अजब सिंह को जमानत का लाभ देते हुए उन्हें मिली सजा पर अंतरिम रोक लगा दी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 10, 2023, 21:57 IST
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