US: दक्षिण पूर्व एशिया के लिए छिपी हुई सुनामी बन रहा अमेरिका का लाखों टन ई-कचरा, बीएएन का खुलासा
अमेरिका से लाखों टन पुराने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का कचरा दक्षिण-पूर्व एशिया के विकासशील देशों में भेजा जा रहा है। एक पर्यावरण निगरानी संस्था बेसेल एक्शन नेटवर्क (बीएएन) की नई रिपोर्ट में कहा गया है कि एशियाई देश खतरनाक कचरे को सुरक्षित तरीके से संभालने के लिए तैयार नहीं हैं। सिएटल स्थित पर्यावरण संस्था की दो साल की जांच में 10 अमेरिकी कंपनियों के इस कारोबार में शामिल होने का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में इसे दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के लिए छिपी हुई सुनामी करार दिया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी ई-कचरे से एशिया का बोझ और बढ़ गया है। एशिया पहले से ही दुनिया का लगभग आधा कचरा पैदा करता है। इनमें से अधिकतर कचरा लैंडफिल में फेंका जाता है। 2030 तक 8.2 करोड़ टन ई-कचरा निकलेगा संयुक्त राष्ट्र की संस्था आईटीयू और यूनिटार के मुताबिक, दुनिया ने 2022 में 6.2 करोड़ मीट्रिक टन ई-वेस्ट पैदा किया था। यह आंकड़ा 2030 तक 8.2 करोड़ टन तक पहुंच सकता है। गौरतलब है कि, वैश्विक ई-कचरा रीसायक्लिंग से पांच गुना तेजी से बढ़ रहा है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 24, 2025, 07:52 IST
US: दक्षिण पूर्व एशिया के लिए छिपी हुई सुनामी बन रहा अमेरिका का लाखों टन ई-कचरा, बीएएन का खुलासा #World #International #ई-वेस्ट #पर्यावरणप्रदूषण #दक्षिण-पूर्वएशिया #मलेशिया #वेस्टकॉलोनियलिज्म #अमेरिकीकंपनियां #खतरनाककचरा #E-waste #EnvironmentalPollution #America #SubahSamachar
