Siddharthnagar News: स्वामी विवेकानंद के पदचिह्नों पर चलने का दिया संदेश

स्वामी विवेकानंद के पदचिह्नों पर चलने का दिया संदेशफोटो--स्वामी विवेकानंद जयंती पर आयोजित हुए विविध कार्यक्रमसिद्धार्थ विश्वविद्यालय में अभाविप ने स्वामी विवेकानंद को किया याद संवाद न्यूज एजेंसीसिद्धार्थनगर। सिद्धार्थ विश्वविद्यालय कपिलवस्तु में आनंद छात्रावास एवं विद्यार्थी परिषद के संयुक्त तत्वावधान में बृहस्पतिवार को आयोजित स्वामी विवेकानंद जयंती कार्यक्रम में सूचना जनसंपर्क अधिकारी डॉ अविनाश प्रताप सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद भारत के ऐसे संत एवं युवा सन्यासी थे, जिनका व्यक्तित्व प्रत्येक भारतीय को प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद की पहचान एक रचनात्मक समाज सुधारक के रूप में है। उन्होंने भौतिक और आध्यात्मिक दोनों पक्षों का अद्भुत समन्वय किया, लेकिन आध्यात्मिक पक्ष को उन्होंने बहुत मान्यता दी। स्वामी विवेकानंद का मानना था कि मानव जाति के भाग्य के उदय में धर्म की सबसे बड़ी भूमिका है। 19वीं सदी को भारत में सामाजिक धार्मिक पुनर्जागरण की सदी के रूप में स्थापित करने में स्वामी विवेकानंद की अग्रणी भूमिका थी। स्वामी विवेकानंद समाज सुधार में सबसे पहले आध्यात्मिक सुधार पर बल देते थे।स्वामी विवेकानंद सामाजिक धार्मिक और राजनीतिक सुधार आंदोलन के प्रणेता के रूप में भारत में सुप्रसिद्ध है। वे वेदांत दर्शन बौद्ध दर्शन से प्रभावित थे इसके साथ-साथ उन्होंने ब्रह्म समाज और गीता को भी अपने विचार दर्शन में बहुत महत्व दिया। वह सबसे अधिक प्रभावित रामकृष्ण परमहंस जॉन के गुरु थे। स्वामी विवेकानंद भारतीय पुनर्जागरण के पुरोधा थे।इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद चौबे ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का पूरा जीवन भारत और भारतीयता के लिए समर्पित था। उन्होंने स्त्री शिक्षा जाति प्रथा छुआछूत के विरुद्ध भारत को खड़ा करने का अद्भुत चिंतन दिया ।उनका यह नारा कि उठो जागो और तब तक रुको नहीं जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए, प्रत्येक युवा विद्यार्थी के लिए वह अमृत मंत्र के समान है।गरीबों निर्धनों और असहाय जनों की सेवा ही सबसे बड़ी ईश्वर सेवा है और यही सबसे बड़ी मानव सेवा है। वह सर्वधर्म समभाव की भी बात करते थे, लेकिन इसके साथ-साथ उनका मानना था कि धर्म वही जो सभी को अपने में समाहित करता हो। हिंदू धर्म को उन्होंने संपूर्ण संसार में पुनर्स्थापित करने की अतुलनीय भूमिका निभाई, जिसका प्रत्येक भारतीय को गर्व है। स्वामी विवेकानंद जयंती कार्यक्रम के अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत सेवा कार्य संयोजक निकुल गुप्ता ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर विभाग संगठन मंत्री धीरेंद्र प्रांशु त्रिपाठी, नित्यानंद शुक्ला, शिवम मिश्रा, आकाश त्रिपाठी, युवराज अमन मिश्रा, प्रद्युम्न दुबे, ऋषभ सिंह, अंकित पाठक छात्रवासी उपस्थित रहे

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 12, 2023, 23:43 IST
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