Shimla News: शिमला में रवींद्रनाथ टैगोर की यादें, सनत आर्ट गैलरी में शोभा बढ़ा रहे टेबल, कुर्सियां और पेटिंग

हिमाचल प्रदेश की पर्यटन नगरी शिमला के समरहिल में आज भी राष्ट्रगान रचयिता रवींद्रनाथ टैगोर की यादें महफूज रखी गई हैं। सनत आर्ट फाउंडेशन गैलरी में टैगोर की ओर से इस्तेमाल वस्तुएं लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। गैलरी में रवींद्रनाथ टैगोर की टेबल, कुर्सियों और पेटिंग को रखा गया है। इसे प्रसिद्ध चित्रकार असित कुमार हाल्दार ने हिमाचल के चित्रकार एवं मूर्तिकार सनत चटर्जी को गिफ्ट के तौर पर दिया था। अब इस म्यूजियम को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है।असित कुमार का रवींद्रनाथ टैगोर के साथ विशेष रिश्ता रहा। टैगोर ने अपनी कुर्सी, टेबल, पेटिंग और प्रतिलिपियां उन्हें दी थीं। असित ने इनमें से कुछ चीजें अपने शिष्य हिमाचल के चित्रकार एवं मूर्तिकार सनत चटर्जी को प्रदान की थीं। मूलत: कोलकाता के रहने वाले मूर्तिकार स्वर्गीय संत चटर्जी शिमला आए थे। वह वर्ष 1960 में नाहन कॉलेज में कार्यरत थे। इसके बाद 1967 में कोटशेरा के आर्ट कॉलेज में चित्रकला के शिक्षक नियुक्त हुए। इन्होंने एक रिकॉर्ड भी अपने नाम किया था। जिसमें 90 फीट के कपड़े की पेटिंग बनाई थी। इसके बाद चटर्जी के बेटे प्रो. हिम चटर्जी ने 2008 में समरहिल स्थित अपने घर में सनत आर्ट फाउंडेशन गैलरी शुरू की। अब इस गैलरी में रविंद्रनाथ टैगौर के सामान के अलावा प्रसिद्ध चित्रकार नंदलाल बोस की पेंटिंग भी रखी गई है। आम लोगों को 50 रुपये और विदेशों से आए लोगों के लिए 100 रुपये फीस रखी गई है। संत आर्ट फाउंडेशन के मैनेजर पवन शर्मा का कहना है कि इस म्यूजियम में रवींद्रनाथ टैगोर की यादें संभालकर रखी गई है। टैगौर इन टेबल और कुर्सियों को इस्तेमाल बैठने के लिए करते थे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 10, 2023, 22:48 IST
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