Lucknow News: आधार कार्ड के मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय करे विचार

विचार मंच की गोष्ठी में बुद्धिजीवियों ने रखी बातमाई सिटी रिपोर्टरलखनऊ। चुनाव आयोग के यह कहने के बावजूद कि आधार कार्ड बनाने में गड़बड़ी हो सकती है, सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग को निर्दिष्ट किया है कि बिहार की मतदाता-सूची में नामों की जांच किए जाने में आधारकार्ड को भी प्रामाणिक माना जाए। इस पर विचार किया जाना चाहिए।उक्त विचार बुद्घिजीवियों ने विचार मंच की ओर से वीरसावरकरनगर में आयोजित मतदाता-सूची में आधारकार्ड शामिल किए जाने का प्रश्न विषयक गोष्ठी में व्यक्त किए। मुख्य वक्ता पत्रकार राजेश राय ने कहाकि सर्वोच्च न्यायालय के इस निर्देश का यह दुष्परिणाम हो सकता है कि गलत तरीके से आधारकार्ड बनवाकर गलत लोग अपने नाम मतदाता-सूची में शामिल करा लें। बिहार में अपने गहन सर्वेक्षण द्वारा चुनाव आयोग यदि उन लाखों गलत लोगों के नाम मतदाता-सूची से बाहर कर रहा है तो इसका सर्वोच्च न्यायालय सहित सभी को स्वागत करना चाहिए, न कि उसमें अड़ंगा लगाना चाहिए। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए पत्रकार श्याम कुमार ने कहाकि सर्वोच्च न्यायालय को पूरे देश में मतदाता-सूची को हर तरह के प्रयास द्वारा पूर्णरूपेण शुद्ध बनाए जाने का निर्देश देना चाहिए। ऐसा होने पर ही हमारे यहां सही रूप में लोकतंत्र की रक्षा हो सकेगी। अर्थशास्त्री प्रो. अम्बिका प्रसाद तिवारी ने कहाकि बिहार में मतदाता-सूची में बड़ी संख्या में रोहिंग्याओं एवं बंगलादेशियों के नाम शामिल थे। पत्रकार सिद्धार्थ सौरभ, समाजसेवी राजीव माथुर एवं समाजसेवी सुशीला मिश्र ने कहाकि मतदाता-सूची के संदर्भ में सर्वाेच्च न्यायालय को चुनाव आयोग के काम में सिर्फ इतना हस्तक्षेप करना चाहिए कि आयोग गलत लोगों के नाम मतदाता-सूची में न शामिल कर ले। डाॅ. हरिराम त्रिपाठी, राजीव आहूजा, रामसिंह तोमर, शेखर पंडित, मंजुल मयंक ने कहाकि मतदाता-सूची को सही रखना तथा निष्पक्ष रूप में चुनाव संपन्न कराना चुनाव आयोग का संवैधानिक दायित्व एवं अधिकार है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 25, 2025, 11:06 IST
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