Khandwa News: नकली नोट कांड का मुख्य सरगना MBBS डॉक्टर गिरफ्तार, जेल में बनी थी गैंग, भोपाल में था छापाखाना

मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में बीते दिनों पकड़ाये नकली नोटों के मामले में पुलिस ने बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस मामले के मुख्य सरगना डॉ. प्रतीक नवलखे समेत तीन आरोपियों को भोपाल से गिरफ्तार किया है। पुलिस जांच में सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह सामने आई है कि इस गिरोह की नींव खंडवा जिला जेल में ही पड़ी थी, जहां अलग-अलग मामलों में बंद ये सभी आरोपी पहली बार मिले थे और वहां से निकलने के बाद गैंग बनाकर नकली नोट छापने का धंधा शुरू कर दिया था। पुलिस ने फिलहाल तीनों को गिरफ्तार कर खंडवा न्यायालय में पेश किया है, जहां से आगे की पूछताछ के लिए आरोपियों का रिमांड लिया जा रहा है। यही नहीं, पुलिस जांच में सामने आया है कि इस गैंग का मुख्य सरगना डॉ. प्रतीक नवलखे MBBS डिग्रीधारी है। वह कुछ वर्षाें पहले बुरहानपुर जिला अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर और बाद में RMO के रूप में पदस्थ रह चुका है। इस दौरान सरकारी पद पर रहते हुए उसने करोड़ों की राशि का गबन भी किया था। जेल से छूटने के बाद उसने भोपाल की गोकुलधाम सोसाइटी में किराए का कमरा लेकर नोट छापने का काम शुरू किया और नागपुर, मालेगांव सहित कई शहरों में अपने एजेंट भी नियुक्त किए। जानकारी के अनुसार यह गिरोह साल 2022 से सक्रिय था और इन्होंने नकली नोटों के दम पर अब तक कई संपत्तियां भी खरीदी की थीं। 19.78 लाख के नकली नोट बरामद, जावर पुलिस ने खोला बड़ा रैकेट बता दें कि 2 नवंबर को खंडवा की जावर थाना पुलिस को ग्राम पेठिया के ग्रामीणों से मिली सूचना के बाद, मस्जिद के इमाम मौलाना जुबेर अंसारी के कमरे से 19 लाख 78 हजार रुपये के नकली नोट और कुछ उपकरण बरामद हुए थे। जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया था और खंडवा एसपी मनोज कुमार राय ने इसकी गंभीरता से जांच के लिए एएसपी महेंद्र तारनेकर के नेतृत्व में एसआईटी गठित की थी, जिसमें डीएसपी अनिल सिंह चौहान, टीआई पदमनगर प्रवीण आर्य सहित कई पुलिसकर्मी शामिल किए गए थे। ये भी पढ़ें-सम्राट अशोक जयंती कार्यक्रम में हिंसक विवाद, बजरंग दल से मारपीट, संविधान फाड़ने का आरोप भोपाल से तीन गिरफ्तार एसआईटी की जांच में सामने आया कि जुबेर को नोट उपलब्ध कराने वाला शख्स डॉ. प्रतीक नवलखे है। जिसके बाद मुखबिर से मिली सूचना पर 23 नवंबर को एसआईटी ने भोपाल के गोकुलधाम सोसाइटी में दबिश दी, जहां प्रतीक नवलखे निवासी बुरहानपुर अपने दो साथियों गोपाल उर्फ राहुल (35), निवासी हरदा, और दिनेश गोरे (43), निवासी अमरावती (महाराष्ट्र) के साथ छुपा हुआ मिला। इस दौरान डॉ. प्रतीक नवलखे से 500 रुपये के 13 नकली नोट, 7 मोबाइल, 1 लैपटॉप, 15 चेकबुक, 12 एटीएम/डेबिट कार्ड, नोट छापने के उपकरण बरामद हुए। वहीं गोपाल उर्फ राहुल से 500 रुपये के 6 नकली नोट, ड्रायर मशीन, 2 मोबाइल, 20 एटीएम/डेबिट कार्ड और इनके तीसरे साथी दिनेश गोरे से 500 रुपये के 17 नकली नोट जप्त हुए। जेल में बना था नेटवर्क, गोल्ड स्कैम में भी फंसा था डॉक्टर इधर पुलिस जांच में सामने आया कि इस गिरोह के सदस्य खंडवा जिला जेल में एक-दूसरे से मिले थे। जेल से निकलने के बाद नकली नोट छापने की प्लानिंग तैयार हुई। प्रतीक नवलखे इससे पहले कोलकाता में एक गोल्ड फ्रॉड का भी शिकार हुआ था, जहां एक जालसाज़ ने उसे हॉलमार्क लगी नकली ज्वेलरी देकर करीब 5 लाख रुपये का नुकसान कराया था। इस गिरोह के सदस्यों ने भोपाल के होशंगाबाद रोड पर एक ऑफिस किराए पर लेकर ट्रेवल एजेंसी की फर्जी दुकान खोली थी, जहां से ये लोगों को गुमराह कर नोटों की खपत का नेटवर्क संभालते थे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 23, 2025, 19:34 IST
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