Noida News: मेयर चुनाव अप्रैल तक टलने के आसार

चुनाव के लिए सदन की बैठक जल्द होने की संभावना नहींविनोद डबासनई दिल्ली। एमसीडी के महापौर का चुनाव कराने के लिए सदन की अगली बैठक जल्द होने की संभावना नहीं है, क्योंकि सदन की बैठक फिर से बुलाने के लिए एमसीडी व पीठासीन अधिकारी ने कोई रुचि नहीं ली है। बीते छह जनवरी को महापौर का चुनाव नहीं होनेे पर एमसीडी ने अगले कार्य दिवस को बैठक की तिथि तय कराने की प्रक्रिया आरंभ कर दी थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया। वहीं, पीठासीन अधिकारी ने भी पिछली बार की तरह उपराज्यपाल से संपर्क नहीं साधा है।महापौर का चुनाव जल्द कराने के लिए एमसीडी व पीठासीन अधिकारी के बीच बुधवार को कोई हायतौबा दिखाई नहीं दी। महापौर का चुनाव कराने के लिए एमसीडी की ओर से सदन की बैठक बुलाने के संबंध में तिथि तय कराने के लिए बुधवार को पहल नहीं की गई। गणतंत्र दिवस के कारण सिविक सेंटर को दोपहर में सील करने के कारण एमसीडी में आधे दिन ही कार्य हो सका। लिहाजा, एमसीडी के सदन की बैठक की तिथि तय कराने के लिए सोमवार को प्रक्रिया आरंभ करने की संभावना है। इसके बाद उपराज्यपाल बैठक की तिथि तय करने का निर्णय लेंगे। उधर, पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने भी सदन की बैठक में मंगलवार को महापौर का चुनाव नहीं होने के बारे में बताने के लिए उपराज्यपाल के यहां संपर्क नहीं साधा है। वह भी अगले सप्ताह ही उपराज्यपाल को पूरी स्थिति से अवगत कराएगी।अधिकारी जल्द बैठक बुलाने के पक्ष में नहींदूसरी ओर सूत्रों ने बताया कि एमसीडी के अधिकारी अब जल्द सदन की बैठक बुलाने के पक्ष में नहीं है। उनका कहना है कि फरवरी माह में किसी तरह महापौर का चुनाव करा देेने के बाद भी हंगामे से राहत मिलनी असंभव है, क्योंकि अप्रैल माह में फिर महापौर का चुनाव होना है और उस दौरान भी इसी तरह टकराव होने की आशंका रहेगी। इस कारण लगातार टकराव होने की नौबत को टालने के लिए अप्रैल माह में ही सदन की बैठक बुलाई जानी चाहिए। इस बारे में वे उपराज्यपाल सचिवालय से व्यक्तिगत तौर पर आग्रह करेंगे। इसके अलावा अधिकारी बताएंगे कि फरवरी माह में सदन की बैठक में चुनाव होने की स्थिति में नए महापौर को दो माह का भी कार्यकाल नहीं मिलेगा। वर्ष 1997 में एमसीडी के चुनाव फरवरी माह में हुए थे, लेकिन उस दौरान तत्काल महापौर का चुनाव नहीं कराया गया था, क्योंकि महापौर को एक साल के बजाय डेढ़ माह का कार्यकाल मिल रहा था। इस कारण तब अप्रैल माह में सदन की बैठक कराई गई थी।15 दिन से पहलेे नहीं हो सकती बैठकएमसीडी की ओर से सदन की बैठक की तिथि तय कराने की पहल सोमवार को करने की स्थिति में करीब 15 दिन बाद महापौर का चुनाव हो पाएगा, क्योंकि एमसीडी सचिवालय से आयुक्त के पास फाइल जाएगी और वहां से दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग में फाइल भेजी जाएगी। शहरी विकास विभाग पिछली बार की तरह फाइल का अध्ययन करने के बाद उसमें कुछ संशोधन करके उसे उपराज्यपाल सचिवालय भेजेगा। इस प्रक्रिया में एक सप्ताह लगने की संभावना है। उपराज्यपाल भी सदन की बैठक तत्काल करने के निर्देश नहीं देंगे, क्योंकि बैठक की तैयारी के संबंध में एमसीडी को एक सप्ताह की आवश्यकता चाहिए। इस कारण उपराज्यपाल भी एक सप्ताह बाद की तिथि तय करेंगे। छह जनवरी को सदन में हंगामा होने के बाद भी तत्काल की बजाय 17 दिन बाद बैठक हुई थी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 25, 2023, 21:43 IST
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