चिंता की बात : 10 साल से कम उम्र केे 250 बच्चों में एनीमिया की स्थिति गंभीर

ऊना। जिले में छोटी उम्र के विद्यार्थियों में एनीमिया के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस समय जिले में 10 साल से कम आयु के 250 बच्चे ऐसे हैं, जोकि एनीमिया की गंभीर स्थिति में हैं। इसका मुख्य कारण बच्चों को उचित खुराक न मिलना बताया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने स्कूलों में जागरुकता अभियान भी चलाया, लेकिन अभी तक स्थिति से निपटने में लंबा समय लग सकता है।जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने नवंबर से एनीमिया की मुक्ति के लिए स्कूलों में अभियान शुरू किया था। इसमें विशेषकर 10 साल के नीचे वाले बच्चों में एनीमिया की जांच की गई। जांच के दौरान 250 बच्चों में एनीमिया की गंभीर स्थिति पाई गई। वहीं, 10 हजार बच्चे ऐसे मिले, जिनमें एनीमिया की शिकायत तो मिली लेकिन उनकी हालत गंभीर श्रेणी की नहीं है। बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे मिले, जिनमें एनीमिया की नाममात्र शिकायत पाई गई। अभियान में कुल 54000 बच्चों की जांच की गई। इस दौरान बच्चों को सही खानपान से जुड़ी जानकारी भी दी गई। बच्चों में खून की कमी पाई जाने पर उन्हें आयरन की गोलियां भी दी गईं। बताया जा रहा है कि जिले में बच्चों की एनीमिया की जांच को लेकर करीब 30 टीमें गठित की गई। इसमें आशा वर्कर की मदद भी ली गई।अभियान के तहत बच्चों को उचित खुराक देने के लिए उनके अभिभावकों को भी जागरूक किया गया। स्कूलों में दोपहर के समय विद्यार्थियों को परोसे जाने वाले मिड डे मील में भी पोषक तत्वों का विशेष ध्यान रखने को कहा गया है। ऊना में बड़े बच्चों के मुकाबले छोटों में एनीमिया के मामले अधिक सामने आ रहे हैं। स्थिति को समझने के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग ने स्कूलों में जाकर 10 साल के कम उम्र के बच्चों की जांच की। हालांकि जांच के बाद बच्चों को उचित खानपान और जरूरी दवाइयां भी दी गई और इसके आने वाले दिनों में बेहतर परिणाम आ सकते हैं।छोटे बच्चों में खून की कमी होना गंभीर विषय है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार सतर्क है। अभियान के बाद बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार के बारे में जानने के लिए दोबारा स्कूलों का रुख किए जाने पर विचार चल रहा है।डॉ. मंजू बहल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, क्षेत्रीय अस्पताल कोट्समिड डे मील की गुणवत्ता को लेकर स्कूलों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। समय-समय पर भोजन की जांच भी की जाती है ताकि बच्चों को पोषण युक्त भोजन मिल पाए। स्वास्थ्य विभाग के अभियान में हमारी ओर से पूरा सहयोग किया गया है। देवेंद्र चंदेल, उपनिदेशक, जिला प्रारंभिक शिक्षा विभाग।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 25, 2023, 00:26 IST
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