Delhi News: शिक्षकों के काम का मजाक न उड़ाएं एलजी, उपमुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल पर निशाना साधा

दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल वीके सक्सेना के बीच जारी लड़ाई बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को उपराज्यपाल की ओर से शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाने को लेकर लिखे गए पत्र के बाद अब शनिवार को उपमुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मोर्चा संभाला है। उन्होंने उपराज्यपाल की ओर से दिल्ली सरकार पर लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद व निराधार बताया है। सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल ने शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर शिक्षकों, छात्रों व माता-पिता को आहत किया है। उपराज्यपाल शिक्षकोंं का मजाक नहीं उड़ाएं। वहीं, मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा है कि दिल्ली के शिक्षक, छात्र, अभिभावकों ने सात सालों में कड़ी मेहनत कर शिक्षा व्यवस्था को सुधारा है। एलजी साहब को उनका अपमान करने की बजाय हौसला बढ़ाना चाहिए। तीन पेज के पत्र में सिसोदिया ने कहा कि वर्ष 2015 से पहले सरकारी स्कूल टेंट वाले स्कूल के नाम से मशहूर थे, क्योंकि क्लासरूम ही नहीं थे। बच्चों की पढ़ाई टेंट में होती थी। अब टैलेेंट वाले स्कूल हो गए हैं। 2015 तक स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 14 लाख थी जो बढ़कर 18 लाख हो गई है। सरकारी स्कूल आज देश की शान हैं, इन्हें बदनाम करने के लिए आप जब झूठे तथ्यों का सहारा लेते हैं जो आपको शोभा नहीं देता। संविधान में एलजी की जि़म्मेदारी कानून व्यवस्था ठीक करना है। आप इसे ठीक कीजिए और हमें शिक्षा व्यवस्था ठीक करने दीजिए। उपराज्यपाल का गेस्ट टीचर्स को पोस्ट टीचर्स कहकर बुलाना घोर अपमान है। नए स्कूल खोलने के लिए 13 भूखंड देने का एलजी का दावा झूठा है। चार भूखंड पर डीडीए ने सरकार को अभी तक नहीं दिया कब्जा है और दो पर भूमाफिया का कब्जा था। वहीं, सिसोदिया ने ट्वीट कर कहा कि एलजी साहब ने शुक्रवार को शिक्षा विभाग पर कई झूठे आरोप लगाए थे। प्रेमपत्र लिखना बंद कर भाजपा वाले भूत का इलाज कराएं एलजी : संजय नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने शनिवार काे पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में उपराज्यपाल को घेरा। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल वीके सक्सेना प्रेमपत्र लिखना बंद करें और भाजपा वाले भूत का इलाज कराएं। उन्होंने कहा कि दिल्ली के शिक्षा मॉडल की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है, लेकिन वीके सक्सेना सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को भूत टीचर कह रहे हैं। पिछले 7-8 वर्षों से सरकारी स्कूलों के शिक्षक दिन-रात मेहनत कर लाखों बच्चों का भविष्य बना रहे हैं, लेकिन एलजी पर भाजपा का भूत सवार हो गया है। उन्होंने कहा कि एलजी पर सवार भूत दिल्ली वालों का बहुत नुकसान करवा रहा है। वे कभी शिक्षकों की यात्रा, कभी अस्पतालों के कर्मचारियों का वेतन तो कभी बुजुर्गों व महिलाओं की पेंशन रोक रहे हैं। यदि ऐसे ही दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएं ठप करेंगे तो लोगों की जान जा सकती है। एलजी दुर्भावना के कारण दिल्ली के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। एलजी जिन शिक्षकों को भूत टीचर कह रहे हैं, दिल्ली के मुख्यमंत्री और लाखों बच्चे उनसे बेहद प्यार करते हैं। ब्यूरो आतिशी बोलीं, उपराज्यपाल संविधान का बना रहे मजाक विधायक आतिशी ने शनिवार को आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री और विधायकों से मुलाकात करने से इंकार कर उपराज्यपाल वीके सक्सेना लोकतंत्र और संविधान का मजाक बना रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने स्पष्ट किया है कि एलजी को कोई स्वतंत्र निर्णय लेने का अधिकार नहीं है, लेकिन वह हर दिन मुख्यमंत्री को दुर्भावनापूर्ण पत्र लिखकर भाजपा प्रवक्ता की तरह काम कर रहे हैं।विधायकों से मुलाकात नहीं करने की वजह उपराज्यपाल के अंदर समाया वह डर है कि उन्हें कानून व्यवस्था व दिल्ली में बढ़ते अपराध पर जवाब देना पड़ेगा। इसकी जगह वह मुख्यमंत्री को दुर्भावना से ग्रस्त होकर पत्र लिख रहे हैं। मेरी सलाह है कि वे इस तरह की राजनीति से समय निकालकर दिल्ली के किसी सरकारी स्कूल का दौरा करें। वहां पढ़ने वाले बच्चों से मिलें, उनके माता-पिता से बात करें और उनसे पूछें कि पिछले आठ सालों में स्कूलों में क्या बदलाव आए हैं। आठ साल पहले जर्जर हो चुके सरकारी स्कूलों से आज इंजीनियर-डॉक्टर निकल रहे हैं। उपराज्यपाल का पद संवैधानिक है। झूठे आंकड़े पेश कर स्कूली बच्चों को अपमानित कर रहे सक्सेना : सौरभ वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर झूठे आंकड़े पेश कर सरकारी स्कूलों के बच्चों को बदनाम करने का आरोप लगाया है। साथ ही चुनौती भी दी है कि चिकित्सक, इंजीनियर बन रहे सरकारी स्कूल के बच्चों की काबिलियत परखनी है तो उपराज्यपाल को अपने बच्चों से इनकी प्रतियोगिता करा लेनी चाहिए। सारी चीजें अपने आप स्पष्ट हो जाएंगी। मीडिया से शनिवार बात करते हुए सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीते सात सालों से जो झूठ भाजपा बोल रही है, वही अब उपराज्यपाल ने भी बोलना शुरू कर दिया है और वह दिल्ली के 60 हजार अध्यापकों को घोस्ट अध्यापक कह रहे हैं। सौरभ का सवाल था कि क्या स्कूलों के शानदार नतीजे भूतोंं से आ रहे हैं दिल्ली के शिक्षा व्यवस्था की तारीफ विदशों में हो रही है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 2014-15 से पहले 14.66 लाख बच्चे थे। अब बढ़कर 18 लाख हो गई है। दिल्ली में रिक्शेवाले, बाई के बच्चे मेहनत से इंजीनियर-डॉक्टर बन रहे हैं और ऐसे बच्चों को उपराज्यपाल नालायक कह रहे हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 22, 2023, 06:36 IST
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