Delhi: टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी से लगभग 30 करोड़ रुपये की हेराफेरी का मामला, मुख्य आरोपी गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी से लगभग 30 करोड़ रुपये की हेराफेरी में शामिल मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की पहचान मुकुंदपुर एक्सटेंशन फेज-2 निवासी दिनेश बंसल के रूप में हुई है। वह हरियाणा का मूल निवासी है। उसने सेकेंड हैंड कार की खरीद बिक्री का कारोबार करने के साथ ही कार रिपेयरिंग वर्कशॉप भी शुरू किया। उसने तीन और वर्कशॉप खोल लिए, जिनमें से दो उसकी पत्नी के नाम पर और एक उसके दोस्त राजू सिंह के नाम पर थी, ताकि फर्जी दुर्घटना दावों का पता न चल सके। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अमृता गुगुलोथ ने बताया कि 1 जून, 2022 को टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी के धोखाधड़ी नियंत्रण इकाई के प्रमुख वीरेंद्र पाल सिंह ने शिकायत की। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली-एनसीआर में 6 गैरेजों ने कंपनी के चार पूर्व कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर आईआरडीएआई की ओर से लाइसेंस प्राप्त तीन बाहरी सर्वेक्षकों के साथ कुछ पॉलिसी धारकों की भागीदारी के साथ कार मरम्मत के फर्जी चालान प्रस्तुत किए, जो कभी नहीं किए गए। कंपनी को धोखाधड़ी के दावों के तहत भुगतान करने के लिए प्रेरित किया और कंपनी को नुकसान कर खुद को लाभ पहुंचाया। ऐसे में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। ईओडब्ल्यू ने जांच में पाई खामियां ईओडब्ल्यू ने जांच में पाया कि एक ही वाहन पर विभिन्न बीमा पॉलिसी नंबरों के तहत और विभिन्न पॉलिसी धारकों के नाम पर कई उच्च मूल्य के दावे दायर किए जा रहे हैं। यही नहीं, समान चेसिस नंबर वाले वाहनों के लिए अलग-अलग वाहन पंजीकरण संख्या है। इसके अलावा दुर्घटना के समय वाहन चलाने वाले ड्राइवरों ने दुर्घटना की घटनाओं का समर्थन नहीं किया। जांच के दौरान मेसर्स टाटा एआईजी से कथित रूप से फर्जी दुर्घटना दावों से संबंधित बीमा पॉलिसियों के संबंध में प्रासंगिक दस्तावेज प्राप्त किए गए। दो कर्मचारी पहले से हैं गिरफ्तार जांच में सभी कार्यशालाओं के बैंक खाता विवरण प्राप्त कर उनकी जांच की। दुर्घटनाग्रस्त वाहनों का एफएसएल टीम की देखरेख में अधिकृत शोरूम से निरीक्षण कराया गया। इस दौरान यह सामने आया कि मेसर्स बालाजी मोटर्स, मेसर्स कार प्वाइंट और मेसर्स द कार प्वाइंट ने कथित रूप से मरम्मत किए वाहनों में किसी भी चालक व मालिक ने उनकी वाहन के संबंध में दिखाई गई दुर्घटनाओं की गवाही नहीं दी। बंसल मोटर्स, ऑटोरॉक्स और 365 स्पीड ऑटोमोबाइल्स में मरम्मत की गई कारों के मालिकों ने कहा कि दिखाए गए नुकसान अतिरंजित थे। टाटा एआईजी के दो कर्मचारियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Apr 21, 2025, 07:21 IST
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