Social Media Poetry: चंदन वन है प्यार तुम्हारा
महक उठे यह जीवन जिससे तन मन जो शीतलतम कर दे चंदन वन है प्यार तुम्हारा तड़पन, आंसू, आह, रुदन में शोक, त्रास, दुख, पीर, घुटन में मन उदास असहाय खड़ा हो एकाकी में छुपा पड़ा हो तब टूटे मन को समझाकर तन्हाई से इसे बचाकर जो फिर से नवजीवन भर दे आलिंगन है प्यारा तुम्हारा। सूखे होठों पर गंगा तट जिससे मिटती हर कड़वाहट एक छुअन से जादू कर दे हर धड़कन बेकाबू कर दे जीवन में रस भरने वाली साथ हमेशा रहने वाली मुझमें इक मिठास जो भर दे वह चुम्बन है प्यार तुम्हारा राधा की पायल की छन छन रत्न जड़ित कंगन की खन खन जिसकी हर धुन वेद ऋचाएं जो सारा संसार चलाएं उस कान्हा की वंशी का स्वर जिसमें रचा बसा हो आकर जो जीवन को पावन कर दे वृन्दावन है प्यार तुम्हारा ~ महेंद्र मोहित
- Source: www.amarujala.com
- Published: Jun 02, 2025, 20:17 IST
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