Maharashtra Politics: 'शिवसेना के संविधान पर शिंदे खेमे की दलीलों में विरोधाभास', EC से  बोला ठाकरे गुट

पार्टी के संशोधित संविधान में खामियों पर शिवसेना के एकनाथ शिंदे खेमे की ओर से रखी गई दलीलें विरोधाभासों से भरी हैं। यह बात शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने मंगलवार को चुनाव आयोग से कही। ठाकरे गुट ने चुनाव आयोग से संगठन के नियंत्रण से जुड़े एक मामले में अपनी दलीलें पूरी करने के लिए और समय मांगा। अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी। निर्वाचन सदन में सुनवाई के बाद उद्धव गुट के अनिल देसाई ने बताया कि शिंदे खेमे ने कहा था कि उद्धव ठाकरे की ओर से बदला गए पार्टी के संविधान में त्रुटियां थीं। और उन्होंने ही बाद में दावा किया कि उसी संविधान के प्रावधानों के तहत शिंदे को पार्टी का 'प्रमुख नेता' नियुक्त किया गया था। उनकी दलीलों में विरोधाभास था। महाराष्ट्र ने 1.36 लाख करोड़ के एमओयू पर हस्ताक्षर किया विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सालाना बैठक से इतर महाराष्ट्र ने मात्र दो दिन में वैश्विक निवेशकों के साथ 1.36 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को कहा कि सब्सिडी का वादा, तेजी से मंजूरियां और एक बेहतर सड़क ढांचे ने उनके राज्य में निवेशकों को लाने में चुंबक का काम किया है। डब्ल्यूईएफ की सालाना बैठक में भाग लेने आए शिंदे ने कहा कि उन्होंने केवल दो दिन में कई संभावित निवेशकों से मुलाकात की है, जिन्होंने राज्य में निवेश करने में गहरी दिलचस्पी दिखाई है। ये निवेशक अपनी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने के लिए जल्द मुंबई जाने की योजना बना रहे हैं। चुनाव आयोग से संजय राउत ने की यह अपील राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि चुनाव आयोग को पार्टी के चुनाव चिह्न पर तब तक फैसला नहीं करना चाहिए, जब तक कि उच्चतम न्यायालय शिंदे नेतृत्व वाले खेमे के 16 बागी विधायकों की अयोग्यता पर अपना फैसला नहीं दे देता। राउत ने कहा कि शिवसेना में कोई फूट नहीं है। शिवसेना के सिंबल पर जीत हासिल करने वाले टूट गए हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि पार्टी में विभाजन है। यह कथित विभाजन मृगतृष्णा जैसा है। कुछ विधायक और सांसद चले गए हैं, लेकिन पार्टी बरकरार है। जब तक शीर्ष अदालत विधायकों की अयोग्यता पर अपना फैसला सुनाती है, तब तक चुनाव आयोग को इस मामले (चुनाव चिन्ह) पर फैसला लेने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट 14 फरवरी से करेगा सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह 14 फरवरी को याचिकाओं के एक बैच पर सुनवाई शुरू करेगा, जिसमें शिंदे खेमे के 16 शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग भी शामिल है, जो शिवसेना के विभाजन से उत्पन्न महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से संबंधित है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 17, 2023, 22:41 IST
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