UP News : छोटे शहरों में बसाई जाएंगीं 100 नई आवासीय टाउनशिप, निजी क्षेत्र के सहयोग से होगा काम

उत्तर प्रदेश के छोटे शहरों में 100 नई आवासीय टाउनशिप बसाई जाएंगीं। इसके लिए विकास प्राधिकरणों और आवास विकास परिषद के पास मौजूद जमीनों का उपयोग निजी विकासकर्ताओं के सहयोग से किया जाएगा। इसके लिए जरूरी योजना को अंतिम रूप आवास विभाग दे रहा है। शुक्रवार को आवास विकास परिषद में आयोजित रीयल एस्टेट क्षेत्र के लिए इंवेस्टर्स समिट में प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने निवेशकों को इसकी जानकारी दी। उनका कहना है कि निजी सहभागिता से छोटे शहरों में आवासीय योजनाएं लाने का उद्देश्य यह है कि आवासीय जरूरतों को वहां पूरा किया जा सके। उद्योगों को बढ़ावा देकर वहां नौकरी भी देने पर काम होगा। ऐसे में रोजगार और आवास दोनों की जरूरत पूरी हो जाएगी। रीयल एस्टेट क्षेत्र को भी जरूरी निवेश करने का मौका यहां होगा। इसी साल के अंत तक इसके लिए पॉलिसी को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। वहीं आवास बंधु की वेबसाइट पर जल्दी ही एक सूची अपलोड की जा रही है। इसमें किन शहरों में विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद के पास जमीन मौजूद है। इसकी जानकारी निवेशकों को मिल जाएगी। इसके साथ ही अगर निवेशक चाहें तो वहां खुद भी जमीन खरीद सकते हैं। इसमें भी पूरा सहयोग विकास प्राधिकरण और आवास विकास परिषद करेंगे। 40 फीसदी शहरीकरण अब लक्ष्य प्रमुख सचिव आवास ने बताया कि अभी यूपी का शहरीकरण 24 फीसदी है। इसे 40 फीसदी किए जाने का लक्ष्य है। इसके लिए रीयल एस्टेट सेक्टर में बड़ी संभावनाएं हैं। निवेशकों को भी इस दिशा में सोचना चाहिए। उनका कहना है कि इंवेस्टर्स समिट के बाद भी इस सेक्टर को पूरी वरीयता दी जाएगी। इसीलिए तय किया गया है कि हर विकास प्राधिकरण 15 दिन में एक बार इंवेस्टर्स समिट में आए प्रस्तावों की समीक्षा कर प्रगति देगा। वहीं हर महीने मैं खुद आवास विभाग के स्तर पर समीक्षा कर हर संभव तरीके से रूकावटें दूर कराने का काम करुं गा। मॉल को उद्योगों केफायदे का सुझाव दें फीनिक्स शॉपिंग मॉल का संचालन करने वाली कंपनी के प्रतिनिधि संजीव सरन ने प्रमुख सचिव आवास से कहा कि 1000 करोड़ रुपये का निवेश करने के बाद भी मॉल को रीयल एस्टेट में रखा जाता है। ऐसे में उद्योगों को मिलने वाले लाभ नहीं मिल पाते हैं। इस पर प्रमुख सचिव आवास ने कहा कि एक लिखित सुझाव दीजिए। इस पर शासन में विचार कर जरूरी फैसला करा लिया जाएगा। रीयल एस्टेट में 1.10 लाख करोड़ रुपये का निवेश शुक्रवार को हुई इंवेस्टर्स समिट में मिले आंकड़े के मुताबिक करीब 1.10 लाख करोड़ रुपये केनिवेश प्रस्ताव रीयल एस्टेट के लिए मिले हैं। करीब 82 हजार करोड़ रुपये केप्रस्ताव बृहस्पतिवार की रात तक मिल गए थे। इंवेस्टर्स समिट के दौरान करीब 28 हजार करोड़ रुपये के नए प्रस्ताव मिले हैं। इनमें से अकेले लखनऊ के 5500 करोड़ रुपये के इच्छुक प्रस्ताव शामिल हैं। 10 निवेशक ऐसे हैं जिनके 1000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश है। वहीं 18 निवेशकों ने 500 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्ताव दिए हैं। 78 निवेशकों ने 200 करोड़ रुपये से अधिक के प्रस्ताव शामिल कराए हैं। इनसे एमओयू ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में 10 से 12 फरवरी के बीच आवास विभाग करेगा। सबसे अधिक निवेश लखनऊ के खाते में आवासीय जरूरत के लिए सबसे अधिक निवेशक लखनऊ के खाते में आया है। लखनऊ में 24,396 करोड़ रुपये, गाजियाबाद में 19,624 करोड़ रुपये, बुलंदशहर में 5,924 करोड़ रुपये, कानपुर नगर में 5,397 करोड़ रुपये, प्रयागराज में 4,495 करोड़ रुपये, झांसी में 3,820 करोड़ रुपये, वाराणसी में 3,496 करोड़ रुपये, मुरादाबाद में 2,977 करोड़ रुपये, बरेली में 2,858 करोड़ रुपये और मेरठ में 2,034 करोड़ रुपये निवेश प्रस्ताव के सबसे बड़े 10 शहर बने हैं। वर्चुअल माध्यम से जुड़े 1000 निवेशक आवास आयुक्त रणवीर प्रसाद ने बताया कि इंवेस्टर्स समिट को हाइब्रिड मोड पर कराया गया। इसमें देश-विदेश से यूपी में निवेश के इच्छुक करीब एक हजार निवेशक शामिल हुए। इस दौरान प्रदेश को एक ट्रिलियन इकॉनमी बनाने के लिए रीयल एस्टेट सेक्टर की संभावनाओं पर एक प्रजेंटेशन भी दिया गया। इसमें क्रेडाई के प्रदेश अध्यक्ष शोभित मोहन दास, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मनोज गौड़ भी जुड़े।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 20, 2023, 21:48 IST
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