लखनऊ में कल से लागू होगा प्रशासक काल: महापौर संयुक्ता भाटिया का कार्यकाल पूरा, जानें- कितने पूरे हुए वादे

पांच साल पहले 12 दिसंबर 2017 को संयुक्ता भाटिया ने महापौर पद की शपथ ली थी। वे शहर की पहली महिला महापौर भी बनी थीं। बृहस्पतिवार को उनके कार्यकाल का अंतिम दिन है। अभी चुनाव नहीं हुआ है, ऐसे में शुक्रवार से प्रशासक काल लागू हो जाएगा। संयुक्ता भाटिया के कार्यकाल में कोरोना जैसी महामारी आई। इस दौरान नगर निगम ने बखूबी जिम्मेदारी निभाने के साथ कम्यूनिटी किचन की शुरुआत की। जनता से सीधे संवाद के लिए लोक मंगल दिवस जैसी पहल हुई और गृहकर निर्धारण की ऑनलाइन सुविधा की अच्छी शुरुआत हुई। लखनऊ नगर निगम 200 करोड़ के म्यूनिसिपल बॉन्ड जारी करने वाला उत्तर भारत का पहला नगर निगम भी बना। 74 वर्ष की उम्र में भी संयुक्ता भाटिया की शहर में सक्रियता उनकी अलग पहचान बनाती है। हालांकि ,विकास कार्य, स्वच्छता में लखनऊ को देश में नंबर वन बनाने, जाम और पेयजल संकट जैसी समस्याओं से निजात दिलाने के उनके वादे पूरे नहीं हो सके। पहला महिला बाजार और वीरवर लक्ष्मणजी की 151 फीट ऊंची प्रतिमा लगाने का वादा भी अधूरा रह गया। महापौर का दावा : खूब हुए विकास कार्य, कुछ जरूर रह गए अधूरे महापौर कहती हैं कि उन्होंने शहर के विकास के लिए खूब काम किए। सफाई में सुधार किया, जिससे स्वच्छता सर्वेक्षण में रैंकिंग 269वें से 17वें स्थान तक आई। वायु स्वच्छता रैंकिंग में पहला पुरस्कार मिला। गृहकर में ओटीएस योजना लागू कर जनता को 48 करोड़ के ब्याज से राहत दिलाई। पहली बार महिलाओं के लिए सदन आयोजित किया। पांच सालों में 2500 करोड़ के विकास कार्य कराए। 95 हजार मीटर पेयजल लाइन बिछाई गई। 13 नए नलकूप लगवाए तो 45 रिबोर कराए। महिला बाजार का प्रोजेक्ट अधूरा है और वीरवर लक्ष्मणीजी की प्रतिमा भी नहीं लग पाई हैलेकिन ये प्रोजेक्ट पूरे होंगे। अगली बार आऊंगी तो शहर को स्वच्छता में नंबर वन बनाने का सपना जरूर साकार होगा। ये भी पढ़ें - 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  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 19, 2023, 02:21 IST
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