Pithoragarh News: बजेता गांव में मानकों के अनुरूप नहीं हो रहा खड़िया खनन

नाचनी (पिथौरागढ़)। बजेता गांव में हो रहे खड़िया खनन में पर्यावरण मानकों का पालन नहीं किया जा रहा है। खान से निकाले गए मलबे को तलहटी पर बहने वाली निर्मल भुजगड़ नदी में डाला जा रहा है जिससे नदी का पानी अत्यधिक मटमैला होने से बासबगड़ में शवदाह के बाद लोग स्नान भी नहीं कर पा रहे हैं। जोशीमठ आपदा आने से बजेता गांव के ग्रामीण भी दहशत में हैं। ग्रामीणों ने क्षेत्र में खड़िया खनन बंद करने की मांग की है।बजेता गांव में ग्रामीणों के विरोध के बावजूद शासन-प्रशासन ने खड़िया कारोबारियों को खनन पट्टा स्वीकृत कर दिया। अब खड़िया खनन के बाद हो रही परेशानियों को देखने वाला कोई नहीं है। खड़िया खनन का मलबा गिरने से बासबगड़, खेत भराड़, कोट्यूड़ा, हुपली, वेलसा, नाचनी समेत दर्जनों गांव के लोग भुजगड़ नदी के पानी का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। इससे भुजगड़ घाटी की पांच हजार की आबादी में रोष है।बासबगड़ के प्रधान अधिवक्ता दीपक जोशी, प्रधान प्रतिनिधि राया गजेंद्र बिष्ट, खेत भराड़ की प्रधान भागीरथी देवी, तल्ला भैसकोट की प्रधान मीना देवी आदि दर्जनों लोगों ने बारिश में भूस्खलन से बाढ़ की आशंका जताई है। इन्होंने शासन-प्रशासन से बजेता खड़िया खनन बंद करने की अपील की है। कहा है कि अगर उनकी मांग नहीं सुनी गई तो वह उग्र आंदोलन करेंगे। डीएम रीना जोशी ने कहा कि मामले की पूरी जानकारी ली जाएगी। उसके बाद मामले में कार्रवाई की जाएगी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 10, 2023, 22:43 IST
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