Una News: बारिश न होने से गैर सिंचित इलाकों में गेहूं की फसल पर मंडराया खतरा

जिले में 50 फीसदी से अधिक फसल गैर सिंचित इलाकों में होती है तैयारफसल बिजाई को एक माह से अधिक समय बीता, सूखी पड़ी जमीनसंवाद न्यूज एजेंसी ऊना। जिले में मौसम की मार से गेहूं की फसल प्रभावित होना शुरू हो गई है। नवंबर की शुरुआत में गेहूं की बिजाई की गई थी, लेकिन इसके बाद अब तक बारिश नहीं हुई। इससे गैर-सिंचित क्षेत्रों में खेतों की नमी पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। किसानों का कहना है कि आने वाले दो सप्ताह में बारिश बेहद जरूरी है, अन्यथा फसल की वृद्धि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।जानकारी के अनुसार ऊना जिले में लगभग 80 प्रतिशत गेहूं की बिजाई पूरी हो चुकी है। नवंबर की शुरुआत में गैर-सिंचित इलाकों और ऐसे खेतों में जहां आलू की फसल तैयार नहीं की गई थी, समय से गेहूं की बुवाई कर दी गई थी। किसानों को उम्मीद थी कि बिजाई के दो सप्ताह के भीतर बारिश होगी, लेकिन एक माह से अधिक समय बीतने के बाद भी मौसम मेहरबान नहीं हुआ है।कृषि विभाग का कहना है कि गेहूं की बिजाई का उपयुक्त समय 15 नवंबर तक माना जाता है। इसके बाद तापमान गिरने के कारण ठंड बढ़ जाती है, जिससे बीजों को अंकुरित होने में अधिक समय लगता है और कुछ बीज बिना अंकुरित हुए ही नष्ट होने का खतरा बढ़ जाता है। जिले के दुर्गम क्षेत्रों में अधिकांश जमींदार बुवाई कर चुके हैं, लेकिन अब फसल को सिंचाई की आवश्यकता है। गैर-सिंचित क्षेत्र होने के कारण किसान केवल बारिश पर निर्भर हैं। यदि समय पर वर्षा नहीं होती, तो गेहूं की फसल को भारी नुकसान हो सकता है।जिले में हर वर्ष 30,783 हेक्टेयर में मक्की, 1,871 हेक्टेयर में धान, 35,514 हेक्टेयर में गेहूं, 741 हेक्टेयर में दलहन, 1,270 हेक्टेयर में तिलहन, 420 हेक्टेयर में सब्जियां, 137 हेक्टेयर में गन्ना तथा 945 हेक्टेयर में आलू की खेती की जाती है। जिले में गेहूं का वार्षिक उत्पादन एक लाख मीट्रिक टन से अधिक है। ऊना में 50 प्रतिशत से अधिक खेती गैर-सिंचित क्षेत्रों में की जाती है।मौसम विशेषज्ञ विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि जिले में अगले कुछ दिनों तक मौसम साफ रहने की संभावना है, जिससे बारिश के आसार नहीं हैं। आने वाले दिनों में तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जा सकती है।कृषि उपनिदेशक ऊना डॉ. कुलभूषण धीमान ने कहा कि गेहूं की फसल के लिए समय पर सिंचाई बेहद आवश्यक है। उन्होंने बताया कि फिलहाल फसल पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन दिसंबर में बारिश होना फसल की सेहत के लिए जरूरी है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 03, 2025, 16:49 IST
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