Kanpur: जेल भेजे गए पूर्व एडीजीसी को चार दिन में मिली जमानत, रिहा

ऑपरेशन महाकाल के तहत भूमाफिया बताकर रविवार को जेल भेजे गए पूर्व एडीजीसी क्राइम श्यामनगर निवासी अवध बिहारी यादव को अपर जिला जज चतुर्थ शुचि श्रीवास्तव की अदालत से जमानत मिल गई है। कोर्ट ने एक-एक लाख रुपये की दो जमानतें व निजी मुचलका दाखिल करने पर अवध की रिहाई के आदेश कर दिए। आदेश मिलते ही अवध की ओर से दो जमानतें भी दाखिल कर दी गईं जिसके बाद देर शाम अवध की जेल से रिहाई हो गई। गोपालनगर निवासी देवेंद्र सिंह ने चकेरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि उनकी पीएसी मोड़ पर मारबल की दुकान है। देवेंद्र ने आनंदनगर कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी से 200 वर्गगज का एक प्लाॅट वर्ष 2017 में खरीदा था। प्लाॅट पर निर्माण कराया जा रहा था तभी अधिवक्ता अवध बिहारी यादव अपने बेटे विशाल व साथी संजय कुमार के साथ आए और निर्माण कार्य रोककर पांच लाख रुपये रंगदारी मांगी। जमीन को अपना बताकर जबरन ज्ञान नगर हाउसिंग सोसाइटी का बोर्ड लगा दिया। एक दिन अवध और संजय उनकी दुकान पर पहुंचे और पांच लाख रुपये रंगदारी मांगी। डरकर उन्होंने एक लाख रुपये दे दिए। बाकी रुपये बाद में लेने की बात कहकर धमकाकर दोनों चले गए थे। इसी मुकदमे में अवध बिहारी को 24 अगस्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। अवध की ओर से जमानत अर्जी दाखिल की गई। झूठा फंसाए जाने की बात कहते हुए तर्क रखा गया कि अवध 77 साल के हैं। पूर्व एडीजीसी क्राइम रहे हैं। कई बीमारियों से ग्रस्त हैं। वहीं अभियोजन की ओर से जमानत अर्जी का विरोध किया गया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने पाया कि एफआईआर में घटना की तारीख व समय दर्ज नहीं है। वादी व सहअभियुक्त के बीच दीवानी वाद भी न्यायालय में लंबित है। व्हाट्सएप मैसेज में रंगदारी मांगने से संबंधित कोई ठोस सबूत नहीं हैं। इन्हीं आधारों पर कोर्ट ने अवध की जमानत अर्जी मंजूर कर ली।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 28, 2025, 21:05 IST
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