कल्पवास: काशी से तीर्थराज जाएंगे संत, इतिहास में पहली बार अमृत स्नान की तर्ज पर पर्व स्नान; जानें खास
Varanasi News: प्रयागराज की धरती पर कल्पवास के लिए काशी से श्रद्धालुओं की टोली जाएगी। काशी के मठ-मंदिरों के संत, महंत, पीठाधीश्वर, श्रीमहंत और दंडी संन्यासियों ने भी कल्पवास की तैयारियां शुरू कर दी हैं। जमीन का आवंटन होने के बाद प्रयागराज की धरती पर लघु काशी भी आकार लेगी। महाकुंभ के बाद पड़ने वाले माघ स्नान की भव्यता भी श्रद्धालुओं को नजर आएगी। माघ मेले के इतिहास में पहली बार अमृत स्नान की तर्ज पर पर्व स्नान होगा। पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ ही कल्पवास शुरू हो जाएगा। काशी से धर्मसंघ पीठाधीश्वर प्रयागराज में कल्पवास के लिए जाएंगे। वह एक महीने तीन दिन तक प्रयागराज में कल्पवास करेंगे और त्रिजटा स्नान के बाद लौटेंगे। धर्मसंघ के महामंत्री जगजीतन पांडेय ने बताया कि इस बार माघ स्नान के लिए धर्मसंघ का शिविर लगेगा। जमीन के आवंटन के बाद शिविर लगाने का काम शुरू हो जाएगा। देश भर से श्रद्धालु कल्पवास के लिए शिविर में पधारेंगे। खाक चौक के प्रधानमंत्री जगद्गुरु संतोषाचार्य सतुआ बाबा ने बताया कि माघ मेले का सबसे प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी माना जाता है। इस बार अमृत स्नान की तर्ज पर माघ मेले में पहली बार पर्व स्नान होगा।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 05, 2025, 22:08 IST
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