Joshimath: तहसील भवन और 89 घरों में आई दरारें, जेपी कॉलोनी में ध्वस्त होंगे 15 असुरक्षित भवन

जोशीमठ में भू-धंसाव के बाद नए घरों में दरारों के आने का सिलसिला जारी है। हालांकि शासन-प्रशासन के अधिकारियों को दावा है कि नए घरों में दरारें नहीं आई हैं। सर्वे के साथ नए दरार वाले घरों की संख्या बढ़ रही है। मंगलवार को 89 नए घरों में दरारें दर्ज की गईं। इस तरह से दरार वाले घरों की संख्या बढ़कर 849 हो गई है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने मंगलवार को पत्रकारों से इस संबंध जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि गांधीनगर में एक, सिंहधार में दो, मनोहरबाग में पांच, सुनील में सात क्षेत्र असुरक्षित घोषित किए गए हैं। इन वार्डो में 167 भवन असुरक्षित क्षेत्र घोषित किए गए हैं। यहां के 250 परिवारों के 838 सदस्यों को सुरक्षा के दृष्टिगत अस्थायी रूप से विस्थापित किया गया है। जिन्हें प्रशासन की ओर से चिह्नित शिविरों में रखा गया है। Joshimath:भू-धंसाव ने बदरीनाथ धाम के करोड़ों के खजाने को लेकर बढ़ाई चिंता, यहां शिफ्ट करने की हो रही तैयारी उन्होंने बताया कि अस्थायी रूप से चिन्हित राहत शिविरों में जोशीमठ में कुल 615 कमरों में 2190 लोगों और पीपलकोटी में 491 कमरों में 2205 लोगों ठहराने की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से अभी तक 207 प्रभावित परिवारों को तीन करोड़ 27 लाख 27 हजार रुपये की धनराशि वितरित कर दी गई है। Joshimath:दो और होटलों में आई दरारें PWD का गेस्ट हाउस हुआ तिरछा, बुधवार को किया जाएगा ध्वस्त जेपी कॉलोनी में ध्वस्त किए जाएंगे 15 असुरक्षित भवन जोशीमठ के सबसे निचले हिस्से में बसी जेपी कॉलोनी में भविष्य के खतरों को देखते हुए करीब 15 असुरक्षित घरों को पूरी तरह से ध्वस्त किया जाएगा। इस संबंध में कंपनी के अधिकारियों को अवगत कराने के साथ ही बता दिया गया है। जिलाधिकारी से सर्वे कराकर रिपोर्ट मांगी गई है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में आपदाग्रस्त क्षेत्रों में सीबीआरआई की ओर से सर्वे करने के बाद असुरक्षित दो होटलों को वैज्ञानिक तरीके से ध्वस्त किया जा रहा है। इसी तरह से जेपी कॉलोनी में करीब 15 घर चिह्नित किए गए हैं, जिन्हें सीबीआरआई की रिपोर्ट के आधार पर रहने के लिए लिहाज से असुरक्षित घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कि सीबीआरआई की ओर से भवनों के क्षति के आकलन के साथ ही क्रेक मीटर भी लगाए जा रहे हैं, ताकि बढ़ती दरारों पर नजर रखी जा सके। उन्होंने बकाया कि अभी तक करीब साढ़े आठ सौ घरों में दरारें देखी गई हैं। जबकि 167 घरों को रहने के लिहाज से पूरी तरह से असुरक्षित घोषित किया गया है। इन घरों में लाल निशान लगा दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल नए घरों में दरारें आने की बात सामने नहीं आई है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 17, 2023, 20:42 IST
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