Joshimath: केंद्रीय मंत्री ने बताया जमीन धंसने का कारण! जोशीमठ में लगेगी भूकंप अवलोकन प्रणाली

जोशीमठ में भू धंसाव के बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार को ऐलान किया कि जोशीमठ में सूक्ष्म भूकंप अवलोकन प्रणाली (Micro seismic observation system) स्थापित की जाएगी। भूमि, विज्ञान मंत्री जितेंद्र सिंह ने इंडो यूके वर्कशॉप ऑफ जियोसाइंसेज के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बुधवार से माइक्रो सेसेमिक ऑब्जर्वेशन प्रणाली लगाने का काम शुरू हो जाएगा। वर्कशॉप के दौरान केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जोशीमठ बेहद संवेदनशील भूकंप जोन पांच के तहत आता है और यहां लगातार भूंकपीय तनाव बना रहता है। इसके चलते इस इलाके में हल्के भूकंप आते रहते हैं। माना जा रहा है कि इन हल्के भूकंपों के कारण ही जोशीमठ की जमीन में मौजूद पत्थरों की ताकत कम हुई है। इसके अलावा पर्यावरणीय कारणों जैसे पहाड़ों से बड़ी मात्रा में पानी के बहकर पहाड़ों के दर्रों में जाने से, उसके दबाव से भी जोशीमठ की जमीन में दरारें बढ़ रही हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि विज्ञान मंत्रालय अगले पांच सालों में जोशीमठ समेत 100 जगहों पर माइक्रो सेसेमिक ऑब्जर्वेशन प्रणाली स्थापित करेगा। बीते दो साल में 37 माइक्रो सेसेमिक ऑब्जर्वेशन प्रणाली देशभर में स्थापित किए जा चुकी हैं। इनकी मदद से भूकंपीय रियल टाइम डाटा मिल सकेगा। जिससे जमीन के इस तरह धंसाव का कारण पता चल सकेगा। साथ ही इस डाटा की मदद से आवासों और बुनियादी ढांचे के सुरक्षित निर्माण में मदद मिल सकेगी। जितेंद्र सिंह ने कहा कि जमीन के क्रस्ट और सब-क्रस्ट परत को नुकसान होने की प्रक्रिया पर भी रिसर्च बढ़ाने की तुरंत जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत में प्राकृतिक आपदाएं तेजी से बढ़ी हैं, जिन्हें रोकने के लिए रणनीति बनाने की जरूरत है। बीते 50 सालों में प्राकृतिक आपदाओं को समझने में काफी काम हुआ है. भविष्य में इसे और बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग की जरूरत है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 10, 2023, 18:12 IST
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