Jhansi: जेल में गुर्गों की फाैज खड़ी कर रहे हैं गिरोह, छुटभैया को गिरोह में शामिल कर रहे अपराधी

जिला कारागार में बदमाशों के गिरोह तैयार हो रहे हैं। छुटभैये बदमाशों को बड़े बदमाश अपनी गैंग में शामिल कर रहे हैं। ये लोग जेल से छूटकर बड़े अपराध भी कर रहे हैं। पुलिस ने तीन साल में कारागार से छूटे 281 बदमाशों की कुंडली तैयार की है। इन सभी की निगरानी की जा रही है। झांसी जेल में झांसी समेत ललितपुर, उरई, बांदा, चित्रकूट के अलावा आसपास के कई जनपदों के हिस्ट्रीशीटर एवं गैंगस्टर बंद हैं। ये लोग जेल में ही अपने शागिर्द तैयार कर रहे हैं। बड़े बदमाशों की छत्रछाया मिलने के बाद ये लोग उनकी गैंग में भी शामिल हो रहे हैं। नई गैंग भी तैयार हो रही हैं। इसे पुलिस अफसर भी स्वीकारते हैं। एक दर्जन से अधिक गिरोह सक्रिय उनका कहना है कि कई घटनाओं में पकड़े गए बदमाशों से पूछताछ करने पर मालूम चला कि जेल के भीतर वह बदमाशों के संपर्क में आए। ये लोग अंडर ट्रायल कैदियों को टारगेट कर धमकी, पैसे और रुतबे का लालच देकर उनको गैंग में शामिल कर ले रहे हैं। खास तौर से मारपीट, लड़ाई जैसे छोटे मामलों में जेल में बंद कैदी को ये लोग अपने साथ मिला रहे हैं। जेल से छूटने के बाद इन बड़े बदमाशों के इशारे पर ये लोग वारदात भी कर रहे हैं। एक दर्जन से अधिक गिरोह जेल में इसी तरह से गुर्गों को भर्ती कर रहे हैं। इसे देखते हुए जेल से छूटने वाले बदमाशों पर नजर रखी जा रही है। झांसी में 110, जालौन में 118 एवं ललितपुर में 53 बदमाश पुलिस की नजर में हैं। केस एक 21 नवंबर को बड़ागांव इलाके में पुलिस मुठभेड़ में पकड़े गए बदमाश चंद्रशेखर और राममोहन जेल के भीतर गिरोह में शामिल हुए थे। पूछताछ में बदमाशों ने पुलिस को बताया कि जालौन निवासी गैंगस्टर संजीव सोनी कई साल से जेल में बंद था। जेल के भीतर उनकी मुलाकात संजीव से हुई थी। संजीव ने दोनों को लालच देकर अपने गिरोह में शामिल कर लिया था। इसके बाद से उन लोगों ने चोरी की कई वारदात अंजाम देकर पुलिस की सिरदर्दी बढ़ा दी। पुलिस मुठभेड़ के दौरान बदमाश पकड़े गए। केस दो हिस्ट्रीशीटर आनंद अहिरवार ने भी जेल के भीतर ही अपनी गैंग खड़ी कर दी। उसके खिलाफ कोतवाली समेत कई थानों में 17 से अधिक गंभीर मामलों में रिपोर्ट दर्ज है। पुलिस मुठभेड़ में घायल होने के बाद आनंद को झांसी जेल भेज दिया गया। उसने जेल के अंदर बंद कई अंडर ट्रायल युवकों को अपनी गैंग में भर्ती कर लिया। उसकी गैंग के सदस्यों को एसओजी ने मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार किया था। केस तीन टोड़ी फतेहपुर के दुबरई गांव में चर्चित डकैती कांड के शातिर बदमाश भी जेल के अंदर ही एक-दूसरे से मिले थे। वहीं पर मास्टर माइंड दीपक कुशवाहा ने भी जेल के अंदर गिरोह बना लिया था। वहां उसने सोनू रायकवार, बंटी उर्फ सुलेमान, अमन राइन एवं अमन कुमार अहिरवार को भर्ती किया था। इन बदमाशों ने कई वारदात को अंजाम दिया। पिछले तीन साल के दौरान जेल से बाहर निकलकर वारदात करने वाले सभी बदमाशों की नियमित तौर से निगरानी की जा रही है। कई बदमाश जेल से निकलने के बाद किसी गिरोह से जुड़ गए। रेंज में ऐसे 281 बदमाश चिह्नित हुए हैं। इनमें से कई गिरोह शामिल हैं। इनकी निगरानी के लिए बीट के पुलिसकर्मियों को जिम्मेदारी दी गई है।आकाश कुलहरि, आईजी जोन

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 27, 2025, 06:57 IST
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