झांसी: हार्ट अटैक से हर माह 70 युवा हो रहे भर्ती, खेल की गतिविधियां कम और स्क्रीन पर ज्यादा समय है मुख्य वजह
अत्यधिक तनाव, स्क्रीन की वजह से नींद पूरी नहीं करने, फास्ट फूड, वसायुक्त खान-पान, खेलकूद ने करने की वजह से अब युवा भी हृदय रोगी हो रहे हैं। न सिर्फ मेडिकल कॉलेज बल्कि निजी नर्सिंगहोम में हर माह औसतन हार्ट अटैक के 65 से 70 युवा भर्ती हो रहे हैं, जिनकी एंजियोप्लास्टी की जाती है। मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में एक अगस्त से 31 अक्तूबर तक 285 हार्ट अटैक के रोगी आए, जिनमें 40 वर्ष के कम आयु के 95 से ज्यादा रोगी रहे। हृदय रोग विशेषज्ञों ने बताया कि कोरोना के बाद से हृदय रोगियों की संख्या में डेढ़ गुना तक वृद्धि हुई है, जिनमें युवा भी शामिल हैं। युवाओं के दिल के रोगी होने की वजह आउटडोर गतिविधियां अथवा खेलकूद एकदम कम होना है। वह बताते हैं कि पहले घर का सामान खरीदने के लिए लोग पैदल बाजार जाते थे मगर अब ऑनलाइन मंगाते हैं या फिर वाहन पर सवार होकर जाते हैं। यही नहीं, एक ही जगह पर घंटों स्क्रीन पर बिताते हैं। देर तक तक मोबाइल देखते हैं, इसकी वजह से नींद पूरी नहीं हो पाती है। मेडिकल कॉलेज के रिकॉर्ड के अनुसार, तीन माह के अंदर इमरजेंसी में हार्ट अटैक के 285 रोगी आ चुके हैं। इनमें युवाओं की संख्या 95 से ज्यादा है। वहीं, हृदय रोग की ओपीडी में रोजाना 30 से 35 युवा उपचार के लिए आते हैं। वहीं निजी नर्सिंग होम में हर में औसतन 50 युवा हृदय रोगी आते हैं, जिनकी एंजियोप्लास्टी की जाती है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 06, 2025, 19:46 IST
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