VIT सीहोर में पीलिया का प्रकोप: सैकड़ों छात्र बीमार, विपक्ष, NSUI और ABVP सभी लामबंद उच्च स्तरीय जांच की मांग

मध्यप्रदेश के प्रतिष्ठित निजी शिक्षण संस्थान VIT विश्वविद्यालय सीहोर में पीलिया और खाद्य-पेयजल जनित बीमारियों का प्रकोप तेजी से फैलने के बाद हालात बिगड़ गए हैं। 100 से अधिक छात्र बीमार बताए जा रहे हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर है और उन्हें भोपाल, आष्टा तथा सीहोर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। आरोप है कि छात्रावासों में दूषित पानी, खराब भोजन, और लंबे समय से चली आ रही अव्यवस्था इसकी बड़ी वजह है।मंगलवार रात छात्रों का गुस्सा ज्वालामुखी बनकर फूटा। छात्रों ने एकत्र होकर कॉलेज परिसर को रणभूमि में बदल दिया। विरोध इतना उग्र हुआ कि कॉलेज की बस, दो चारपहिया वाहन और एंबुलेंस को आग लगा दी गई, साथ ही हॉस्टल की खिड़कियों के शीशे, आरओ प्लांट और कई अन्य हिस्सों में भी भारी तोड़फोड़ की गई। विवाद गहराने और बीमारी फैलने के बाद अचानक विश्वविद्यालय ने 30 नवंबर तक अवकाश घोषित कर दिया, जिसे छात्र जिम्मेदारी से बचने का प्रयास बता रहे हैं।जिसके बाद कांग्रेस, NSUI और ABVP तीनों एक सुर में प्रबंधन व सरकार पर लापरवाही के आरोप लगा रहे हैं। मामला अब स्वास्थ्य संकट से बढ़कर प्रशासनिक जवाबदेही और सुरक्षा का बड़ा मुद्दा बन गया है। उमंग सिंघार का आरोप- यह सिर्फ संस्थान की नहीं, सरकार की भी घोर लापरवाही प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने घटना को बेहद गंभीर बताते हुए कहा किVIT में पीलिया का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। सैकड़ों छात्र अस्पतालों में भर्ती हैं। यह केवल संस्थान नहीं, सरकार और सिस्टम की भी घोर लापरवाही है। सिंघार ने भोजन, पेयजल और मेडिकल सुविधाओं की कमी को गंभीर अपराध बताते हुए कहा कि मोटी फीस लेने वाले संस्थान छात्रों की मूलभूत सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार छात्रों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है, लेकिन कांग्रेस उनके अधिकारों और न्याय की लड़ाई लड़ती रहेगी। प्रशासन की तानाशाही, विद्यार्थियों पर हमला संगीन अपराध VIT में अव्यवस्था को लेकर ABVP ने भी कड़ा विरोध जताया। प्रांत मंत्री केतन चतुर्वेदी ने कहा किशांतिपूर्ण विरोध कर रहे छात्रों पर मारपीट निंदनीय है। गुणवत्ताहीन भोजन और प्रदूषित पानी से छात्रों की जान जोखिम में है। यह प्रशासन की घोर लापरवाही का परिणाम है ।ABVP ने कहा कि यदि दोषियों पर कार्रवाई न हुई तो वे भी आंदोलन करने पर मजबूर होंगें। संगठन इस गंभीर स्थिति को संज्ञान में लेते हुए मध्यप्रदेश के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार तथा निजी विश्वविद्यालय आयोग को ज्ञापन सौंपकर त्वरित हस्तक्षेप की मांग की है। अभाविप ने बताया कि छात्रों द्वारा शिकायत दर्ज कराने के प्रयासों के बाद भी मामलों को दबाने और दबाव बनाने जैसे आरोप सामने आए हैं, जिससे असंतोष और बढ़ गया है। परिषद ने कहा कि विद्यार्थियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ा मामला किसी भी स्थिति में उपेक्षित नहीं किया जा सकता। यह भी पढ़ें-क्यों उग्र हुए छात्र रणभूमि में बदला VIT कॉलेज परिसर, बस-एंबुलेंस सब आग के हवाले; पुलिस बल तैनात NSUI का मोर्च- विनियामक आयोग के चेयरमैन से मुलाकात, जांच समिति की मांग बीमार छात्रों और अव्यवस्था को लेकर NSUI का प्रतिनिधिमंडल निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के चेयरमैन खेमसिंह डेहरिया से मिला। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उपाध्यक्ष रवि परमार और जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने किया।प्रतिनिधि मंडल ने वीआईटी विश्वविद्यालय सीहोर में हुई घटनाओं का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कर विश्वविद्यालय प्रशासन की लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए तत्काल जांच समिति गठित करने और जरूरी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की।चेयरमैन डेहरिया ने आश्वासन दिया किप्रकरण अत्यंत गंभीर है। जांच समिति गठित कर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। यह भी पढ़ें-दुष्कर्म पीड़िता के परिवार से मिलने एम्स पहुंचे PCC चीफ ,हिंदू संगठन ने दी भोपाल बंद की चेतावनी सरकार पर सवालों की बौछार- सर्वदलीय दबाव बढ़ा विपक्ष (कांग्रेस), छात्र संगठन (NSUI) और राष्ट्रवादी संगठन (ABVP) तीनों ही VIT प्रबंधन और सरकार दोनों पर सवाल उठा रहे हैं। यानी मामला अब सिर्फ छात्र आंदोलन नहीं, बल्कि राजनीतिक और प्रशासनिक जिम्मेदारी का बड़ा मुद्दा बन चुका है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 26, 2025, 17:13 IST
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