जम्मू-कश्मीर: साइबर अपराध, आतंकवाद और ड्रोन के खेल पर लगाम कसने की तैयारी, आंतरिक सुरक्षा पर होगा महामंथन

सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद अपने नए आयाम ले रहा है। केंद्रीय सुरक्षा बलों के पास इस तिलिस्म को तोड़ने की चुनौती है। पंजाब, जम्मू-कश्मीर समेत तमाम सीमावर्ती राज्यों में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसाई की शह पर नशे का आतंकवाद पैर पसार रहा है। सीमा पार से आने वाले ड्रोन अभी भी चुनौती बने हैं। इसके अलावा मानव तस्करी को लेकर भी एजेंसियों के माथे पर चिंता की लकीरें हैं। साइबर सुरक्षा लगातार बड़ी चुनौती बन रहा है। इसे ध्यान में रखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षतामें गृह मंत्रालय ने आंतरिक सुरक्षा पर बड़ी बैठक बुलाई है। 20, 21 औप 22 जनवरी को सभी राज्यों के पुलिस महानिदेशक, अफसर, खुफिया एजेंसियों के प्रमुख और रणनीतिकार तीन दिन का बड़ा मंथन करेंगे। बताते हैं 2020 से ही देश में सीमा पार से लगातार नशे के सामान की बड़ी खेप भेजने की साजिश हो रही है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के शीर्ष अधिकारी और अर्ध सैनिक बल के प्रमुख बताते हैं कि राज्य को नशे की चपेट में लेने की बड़ी साजिश चल रही है। नशे की यह खेप राजस्थान, पंजाब, गुजरात समेत तमाम राज्यों की सीमाओं से आ रही है। नेपाल से लगती देश की सीमा पर सुरक्षा चिंताएं सिर उठा रही हैं। इसके अलावा पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, पूर्वोत्तर के राज्यों को लेकर भी चिंताएं हैं। माना जा रहा है कि तीन दिनों तक होने वाले आंतरिक सुरक्षा के सम्मेलन में ससभी ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा होगी। इनमें जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों और दूसरे राज्यों के लोगों की टारगेट किलिंग पर भी मंथन संभावित है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 10, 2023, 22:56 IST
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