Indore News: करोड़ों की वसूली, लग्जरी गाड़ियां, बंदूक वाले बॉडीगार्ड... इंदौर के किन्नरों में खूनी रंजिश क्यों
इंदौर में किन्नर समुदाय के बीच चल रहे विवाद ने सभी का ध्यान खींचा है। करोड़ों रुपए की वसूली, लग्जरी गाड़ियां और बेशकीमती जमीनें इस विवाद की असली जड़ है। बॉलीवुड की तरह चमक दमक में रहने वाले ये किन्नर न सिर्फ महंगे शौक रखते हैं बल्कि इनके डेरों में जाना भी किसी के लिए संभव नहीं है। बंदूकों से लैस बॉडीगार्ड आपको इन डेरों के बाहर ही रोक लेते हैं और इनका सिर्फ एक आशीर्वाद लेने के लिए आपको लंबी सुरक्षा से गुजरना पड़ता है। आज जानते हैं कैसे यह विवाद शुरू हुआ और इस विवाद के पीछे की असली वजह क्या है कैसे शुरू हुआ विवाद इंदौर में साल 1999 के आसपास यह विवाद शुरू हुए। किन्नर सपना गुरु और पायल (नईम अंसारी) व सीमा (फरजाना) के बीच गुटबाजी और झगड़े शुरू हुए। सीमा गुरु कहती है कि पायल साल 2000 में मालेगांव से भागकर इंदौर आया था। मालेगांव में उसकी पत्नी और बच्चे रहते हैं। उसने इंदौर आने के बाद किन्नरों का धर्मांतरण शुरू कर दिया। सपना का दावा है कि सीमा हाजी ने जबरदस्ती उसे भी हज करवाया था। इसके बाद सपना ने पायल यानी नईम अंसारी के इरादों को भांप लिया और अपना अलग गुट बना लिया। यहां से विवाद बढ़ने लगा। इसके बाद पायल की साथी सीमा यानी फरजाना ने महाराष्ट्र और उसके आसपास से कई मुस्लिम किन्नरों को इंदौर बुलाया और फिर वे हिंदू किन्नरों को धमकाने लगे। यह भी पढ़ें Indore News: क्या इंदौर SIT फेल हो गई किन्नर विवाद सुलझाने अब भोपाल से बनेगी नई टीम 2009 में हत्याकांड के बाद रंजिश बढ़ती गई साल 2009 में सपना और उसकी साथी दुर्गा हाजी ने पायल और उसकी साथी मतीन पर हमला करवाया। डेरे के अंदर गोलियां चलीं और मतीन की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस हमले में पायल गुरु को 9 गोलियां और 6 चाकू लगे। दो महीने तक पायल का इलाज चला और बाद में हमला करने वालों में दुर्गा और अन्य को उम्र कैद हुई। इस मामले में सपना जेल जाने से बच गई। इसके बाद सपना दूसरे गुटों को लगातार प्रताड़ित करती रही और कमाई का पूरा हिस्सा लेती रही। बीच बीच में भी इनके बीच झड़पें होती रही लेकिन प्रशासन के हस्तक्षेप से मामला नियंत्रित रहा। 2025 में सनातनी और गैर सनातनी किन्नर बनने लगे साल 2025 की शुरुआत में यह मामला हिंदू और मुस्लिम किन्नरों के झगड़े का रूप लेने लगा। सपना गुरु ने आरोप लगया कि मालेगांव से आए मुस्लिम किन्नर पायल उर्फ नईम अंसारी और सीमा हाजी उर्फ फरजाना धर्म बदलने के लिए दबाव बना रहे हैं। धर्म बदलने से मना करने पर संक्रमित इंजेक्शन लगाकर करीब 60 किन्नरों को बीमार कर चुके हैं। इस समय हिंदू किन्नरों ने मुस्लिम किन्नरों पर धर्मांतरण और एचआईवी संक्रमित करने के आरोप लगाए। अक्टूबर में सामूहित आत्महत्या के प्रयास ने प्रशासन की नींद उड़ा दी इसके बाद 14 अक्टूबर 2025 को इंदौर के दो फर्जी पत्रकारों ने किन्नरों के साथ दुष्कर्म किया। लगातार जुल्म-सितम और धमकियां बढ़ने पर किन्नरों का सब्र का बांध टूट गया और 15 अक्टूबर 2025 को एक साथ दो दर्जन किन्नरों ने फिनाइल पीकर खुद को मौत के मुंह में डालने का प्रयास किया। इंदौर के नंदलालपुरा क्षेत्र में हुए सामूहिक आत्महत्या के इस प्रयास ने प्रशासन की नींद उड़ा दी। सपना को जेल भेजा, एसआईटी बनाई इस घटना के बाद पुलिस ने सपना गुरु को जेल भेजा और एसआईटी बनाई। इसके साथ भाजपा नेताओं ने किन्नर अखाड़े के महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को इंदौर का विवाद सुलझाने के लिए बुलाया। भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने इंदौर पुलिस कमिश्नर संतोष सिंह से मुलाकात की और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। अब राज्य स्तर पर एक नई एसआईटी गठित करने पर विचार किया जा रहा है, जो इंदौर की मौजूदा एसआईटी की जांच की निगरानी करेगी और पूरे मामले की जांच भोपाल से ही संचालित होने की संभावना है। होलकरों ने बसाया, अब वही संपत्तियां विवाद की असली वजह इंदौर में किन्नरों को सबसे पहले महाराजा यशवंतराव होल्कर ने किन्ररों को इंदौर बुलाकर बसाया था। उन्होंने किन्नरों को नंदलालपुरा में जवाहर मार्ग पर दो बड़े-बड़े मकान रहने के लिए दिए थे। इसके साथ पीछे मस्जिद बनाने के लिए स्थान भी दिया था। आज यही तीनों स्थान लगभग 100 करोड़ की कीमत के हैं। वहीं नंदलालपुरा के दोनों किन्नर डेरों में रहने वालों किन्नरों के पास लगभग 50 करोड़ की अन्य संपत्ति है। इन दोनों डेरों में लगभग 100 किन्नर रहते हैं। जो विभिन्न राज्यों से आए हुए हैं। आज उनके पास शानो शौकत और विलासिता की सारी चीजें मौजूद हैं। महंगी गाड़ियां, ज्वेलरी, एसी, महंगी घड़ियां, ब्रांडेड कपड़े सभी चीजें इनके डेरों में मौजूद हैं। यहां तक की किन्नरों ने अपने डेरों की रक्षा के लिए प्राइवेट एजेंसियों के 5 से 10 बाउंसर तैनात कर रखे हैं। नंदलालपुरा में किन्नरों के दो डेरों में एक डेरा नए किन्नरों का होता था और दूसरा डेरा बूढ़े किन्नरों का होता था। इन दोनों डेरों के बीच विवाद की शुरुआत साउथ तोड़ा के रहने वाले किन्नर मतीन के डेरे के गुरु बन जाने के बाद से प्रारंभ हुई। बाद में मतीन गुरु की हत्या हो गई जिसमें दुर्गा गुरु और अन्य कई किन्नरों को कोर्ट से सजा भी मिली थी। विवाद इतना बढ़ता गया कि यहां के कई किन्नरों ने शहर के अन्य कई स्थानों पर अपने डेरे बना लिए। अब पड़ोसी राज्यों बिहार, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश यहां तक की बंगाल के भी किन्नर यहां आने लगे हैं। यहां उन्हें विलासिता का जीवन मिलता है। किन्नरों की धमकियों और वसूली से पूरा शहर परेशान शहर के प्रमुख बाजारों के एसोसिएशन कई बार किन्नरों के खिलाफ पुलिस में आवेदन दे चुके हैं। आज इंदौर किन्नरों के द्वारा की जाने वाली वसूली से परेशान है। हर त्योहार पर वसूली के लिए कई किन्नर घरों पर आते हैं। जितना मांगते हैं देना पड़ता है वरना मारपीट करते हैं। शादी ब्याह के 51 हजार, मकान दुकान बने तो 1 लाख मांगते हैं, नहीं देने पर परिवार को जो अपमान और पीड़ा भोगना पड़ती है वह पीड़ित परिवार ही जानता है। आज इंदौर किन्नरों की वसूली का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 19, 2025, 09:46 IST
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