Indore News: 1000 फर्जी खाते ब्लॉक, 14 करोड़ की राशि वापस, साइबर ठगों पर बड़ी कार्रवाई

क्राइम ब्रांच ने साइबर अपराधों पर शिकंजा कसते हुए इस साल 1000 से अधिक फर्जी बैंक खाते और 300 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट ब्लॉक करवाए हैं। साइबर ठगों द्वारा लोगों को शिकार बनाने के नए-नए तरीकों के बीच पुलिस ने इस दिशा में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। ठगी के शिकार लोगों की बढ़ती संख्या और साइबर अपराधियों की गतिविधियों को देखते हुए पुलिस ने इस साल विशेष अभियान चलाए, जिसके परिणामस्वरूप फर्जी खातों को ब्लॉक करवाने के साथ-साथ बड़ी मात्रा में साइबर धोखाधड़ी के मामलों को रोकने में भी सफलता मिली है। यह भी पढ़ें इंदौर के उम्रदराज शास्त्री ब्रिज के फुटपाथ खोदकर अफसर देख रहे चूहों के बिल 11 महीने में 14 करोड़ 33 लाख रुपए वापस, शिकायतों का आंकड़ा 45 हजार पार इस साल के 11 महीनों में साइबर ठगी का शिकार हुए लोगों के 14 करोड़ 33 लाख रुपए पुलिस ने वापस करवाए हैं, जो पिछले साल लौटाई गई राशि से कई गुना अधिक है। पिछले वर्ष जहां पूरे साल में 13 करोड़ रुपए लोगों को वापस मिले थे, वहीं इस बार 11 महीने में ही यह आंकड़ा इससे आगे निकल गया। क्राइम ब्रांच के पास अब तक 45,000 से अधिक शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, जो बताती हैं कि साइबर अपराधियों ने इस साल भी बड़ी संख्या में लोगों को निशाना बनाया। शेयर में निवेश, डिजिटल अरेस्ट, डेटिंग ऐप, ऑनलाइन गेमिंग और बैंक अधिकारी बनकर ठगी जैसे तरीकों से हजारों लोगों को चूना लगाया गया। फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट और हैकिंग पर भी कसा शिकंजा एडीसीपी राजेश दंडोतिया के अनुसार पुलिस ने सोशल मीडिया पर फर्जी फोटो और नाम के आधार पर खोले गए खातों को पहचानकर इस साल 300 से अधिक फर्जी अकाउंट ब्लॉक करवाए। साथ ही साइबर अपराधियों द्वारा हैक किए गए 250 सोशल मीडिया बैंक खातों को भी रिकवर करवाया गया। इन कार्रवाइयों ने न केवल ठगी के मामलों को कम किया, बल्कि सोशल मीडिया पर धोखाधड़ी करने वाले नेटवर्क पर भी बड़ा असर डाला। पुलिस द्वारा समय रहते कदम उठाने से हजारों लोगों की निजी और वित्तीय जानकारी सुरक्षित हो सकी है। जागरूकता अभियान से डिजिटल अरेस्ट के मामलों में आई कमी साइबर अपराधों को रोकने के लिए पुलिस ने पूरे प्रदेश में जागरूकता अभियान चलाया, जिसके चलते डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं इस साल शहर में केवल चार-पांच ही दर्ज हुईं, जबकि पिछले साल यह संख्या 20 से अधिक थी। वहीं क्राइम ब्रांच के एडीसीपी राजेश दंडोतिया ने स्कूलों, कॉलेजों, संस्थानों और बुजुर्गों के बीच साइबर पाठशालाएं आयोजित कीं। इस साल वे 300 से अधिक साइबर पाठशालाएं लगा चुके हैं। इन प्रयासों का परिणाम यह रहा कि लोगों में जागरूकता बढ़ी और साइबर ठगी के मामलों में स्पष्ट कमी देखने को मिली।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 06, 2025, 12:56 IST
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