Indore News: कई साल से चल रहे विवाद तुरंत सुलझे, पुलिस ने हाथों हाथ दिलाए लाखों रुपए

इंदौर पुलिस कमिश्नरेट द्वारा संचालित सामुदायिक मध्यस्थता केंद्र ने एक बार फिर अपनी कुशल कार्यप्रणाली से आवेदकों को त्वरित न्याय दिलाया है। केंद्र ने हाल ही में 11 आवेदनों का तेजी से निराकरण करते हुए चार प्रकरणों में कुल 24 लाख 65 हजार रुपये की राशि दिलवाकर पीड़ितों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया। इन मामलों में आपसी लेनदेन के विवादों के साथ ही मां-बेटे के बीच चल रहे मतभेद को दूर कर आवेदिका को भरण-पोषण की सुविधा भी दिलाई गई। पुलिस कमिश्नरेट की यह पहल शहर में बढ़ते सामान्य व पारिवारिक विवादों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। यह भी पढ़ें MP News: अटारी बॉर्डर पर छोड़ गया पति, पाकिस्तानी महिला ने मांगी मदद; जानें पूरा मामला जनसुनवाई के बाद 31 मामलों की सुनवाई, 11 प्रकरण हुए हल पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर संतोष कुमार सिंह के निर्देशन में चल रहे सामुदायिक मध्यस्थता केंद्र द्वारा छोटे-मोटे विवादों का समाधान बातचीत के जरिए किया जा रहा है। हाल ही में आयोजित जनसुनवाई के दौरान आपसी विवादों, पारिवारिक मतभेदों और रुपये के लेनदेन संबंधी कई आवेदन प्राप्त हुए थे। इसी के तहत 03 दिसंबर 2025 को 31 आवेदनों की सुनवाई की गई और इनमें से 11 मामलों का त्वरित समाधान किया गया। चार प्रकरणों में आवेदकों को 24 लाख 65 हजार रुपये की राशि चेक के माध्यम से दिलवाई गई। आवेदकों को मिली आर्थिक राहत निराकरण किए गए मामलों में कई महत्वपूर्ण प्रकरण शामिल रहे। इनमें पहला मामला पलसीकर कॉलोनी निवासी सचिन अग्रवाल का था, जिन्होंने बसंत विहार निवासी विजय कुमार जैसवानी के विरुद्ध लेनदेन की शिकायत की थी। मध्यस्थता टीम ने दोनों पक्षों में सामंजस्य कर 21,57,055 रुपये चेक द्वारा दिलवाए। दूसरा मामला मेजेस्टिक नगर निवासी अनीस खान का था, जिन्हें अनावेदक चंद्रशेखर मीणा द्वारा 2,85,000 रुपये चेक से दिलवाए गए। तीसरे मामले में नंदबाग कॉलोनी निवासी मनीषा मोर्य को संगम महिला मंडल की पल्लवी सोनी से 18,000 रुपये चेक के माध्यम से दिलवाए गए। चौथे महत्वपूर्ण मामले में परदेशीपुरा निवासी 60 वर्षीय कल्पना द्वारा दिए आवेदन पर टीम ने पुत्र प्रवीण से आपसी सामंजस्य कर प्रतिमाह 5,000 रुपये भरण-पोषण देने की सहमति दिलवाई। 48 प्रकरणों में 2 करोड़ से अधिक राशि वापस सामुदायिक मध्यस्थता केंद्र द्वारा पारिवारिक विवादों, पड़ोसी झगड़ों, किराएदार-मालिक विवादों, छोटे संपत्ति विवादों और मामूली सिविल मामलों में बिना कानूनी प्रक्रिया के प्रशिक्षित मध्यस्थों की मदद से समाधान किए जा रहे हैं। अपने 2024-25 के एक वर्षीय कार्यकाल में केंद्र ने कुल 48 प्रकरणों का त्वरित निराकरण किया और 2 करोड़ 71 लाख 48 हजार 800 रुपये की राशि आवेदकों को वापस दिलाई। इससे स्पष्ट होता है कि इंदौर पुलिस का यह मॉडल न केवल लोगों को न्याय दिला रहा है, बल्कि अदालतों पर भार कम करने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 06, 2025, 09:55 IST
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