ग्राउंड जीरो: 'हम सरहद के बाशिंदे, हथेली पर रखते हैं जान... अबकी बार होगा गहरा वार'; गुस्से में हैं लोग

पहलगाम में हालिया आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। नौशेरा बॉर्डर पर नियंत्रण रेखा (एलओसी) से सटे गांवों भवानी-ए और सरया, झांगड़ में रहने वाले लोग चिंतित जरूर हैं, लेकिन उनके में कोई कमी नहीं आई है। उनका कहना है कि वे सरहद के बाशिंदे हैं हमेशा जान हथेली पर रखकर जीते हैं। उन्हें अपने जवानों पर जमीन पर और ऊपर भगवान पर अटूट भरोसा है। गांव वालों की प्रेरणा हैं पूर्व सैनिक भवानी-ए गांव के पूर्व सैनिक अनिल शर्मा और अशोक कुमार, जो अब गांव में रह रहे हैं, ग्रामीणों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। उनका कहना है कि वे पहले भी देश के लिए लड़े हैं और अब भी जरूरत पड़ी तो सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होंगे। वे कहते हैं, हम मौजे दरिया हैं, हर मौसम में अपनी मौज में बहा करते हैं। शरणार्थी शिविरों में बीता जीवन, पर हौसला बरकरार बॉर्डर विस्थापित कमेटी के प्रधान और पूर्व सरपंच पुरुषोत्तम लाल कहते हैं कि अब उन्हें तनाव और अनिश्चितता के माहौल में जीने की आदत हो गई है। उन्होंने बताया कि उन्होंने कई बार शरणार्थी शिविरों में समय बिताया, लेकिन वहां भी करवा चौथ, दिवाली, लोहड़ी जैसे त्योहार पूरे उत्साह से मनाए। वे कहते हैं, पलट देते हैं हम मौजे-हवादिस अपनी जुर्रत से, हमने आंधियों में भी अक्सर चिराग जलाए हैं। पक्के बंकरों की मांग तेज नौशेरा एलओसी क्षेत्र पंचायत भवानी-ए के पूर्व सरपंच सुनील चौधरी ने ग्राउंड जीरो के सभी गांवों में स्थायी बंकरों के निर्माण की मांग उठाई है। गांववासियों ने एक बैठक कर इस मांग पर सहमति जताई और जल्द ही जिला आयुक्त को ज्ञापन सौंपने की योजना बनाई है। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि जब तक पक्के बंकर नहीं बनते, तब तक वन विभाग ग्रामीणों को गिरी हुई या सूखी लकड़ियों से अस्थायी बंकर बनाने की अनुमति दे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 07, 2025, 08:03 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




ग्राउंड जीरो: 'हम सरहद के बाशिंदे, हथेली पर रखते हैं जान... अबकी बार होगा गहरा वार'; गुस्से में हैं लोग #CityStates #Jammu #PahalgamTerrorAttack #SubahSamachar