Independence Day 2025: भोपाल के पास बोरास गांव में तिरंगा फहराने के लिए चार युवाओं ने दी थी शहादत

आजादी के 78 साल बाद भी 15 अगस्त का दिन हमें सिर्फ 1947 की आजादी ही नहीं, बल्कि उन संघर्षों की भी याद दिलाता है, जो इसके बाद भी जारी रहे। मध्य प्रदेश का बोरास गांव इस इतिहास का एक गौरवपूर्ण और भावनात्मक अध्याय है, जहां तिरंगा फहराने के लिए चार युवाओं ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। चारों शहीदों की उम्र 30 साल से कम थी। उनकी उम्र से उस समय युवाओं में देशभक्ति के जज्बे का अनुमान लगाया जा सकता है। इन शहीदों की याद में बोरास गांव में नर्मदा किनारे शहीद स्मारक बनाया गया है। भोपाल रियासत का विलय नहीं हुआ था 15 अगस्त 1947 को जब भारत स्वतंत्र हुआ, तब भोपाल रियासत आजाद भारत का हिस्सा नहीं बनी थी। भोपाल रियासत में भोपाल, सीहोर, रायसेन का क्षेत्र आता था। यहां के नवाब हमीदुल्लाह खां इसे पाकिस्तान में मिलाने या एक अलग रियासत बनाए रखने के पक्ष में थे। इसके विरोध में भोपाल और आसपास के क्षेत्रों में विलीनीकरण आंदोलन शुरू हुआ।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 13, 2025, 22:17 IST
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