ED: अवैध सरोगेसी रैकेट, 30 लाख में बच्चा; डीएनए से पता चला कि बच्चा जैविक नहीं तो फिर कहां से आते थे नवजात?

हैदराबाद क्षेत्रीय कार्यालय ने 25 सितंबर को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत हैदराबाद, विजयवाड़ा और विशाखापत्तनम में नौ स्थानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी एंड रिसर्च सेंटर के नाम पर डॉ. पचीपल्ली नम्रता उर्फ अथलूरी नम्रता द्वारा चलाए जा रहे अवैध सरोगेसी रैकेट के संबंध में की गई। तलाशी के परिणामस्वरूप रैकेट से संबंधित आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए, जिनमें डॉ. पचीपल्ली नम्रता उर्फ अथलूरी नम्रता द्वारा धोखाधड़ी किए गए जोड़ों का विवरण और उनके कब्जे वाली संपत्तियां शामिल हैं। अवैध सरोगेसी रैकेट के तहत 30 लाख रुपये में बच्चा मिलता था। जब डीएनए रिपोर्ट आती थी तो पता चलता कि बच्चा जैविक नहीं है। जांच में मालूम हुआ कि गरीब, कमजोर और गर्भवती महिलाओं को पैसे का लालच देकर जन्म के तुरंत बाद बच्चा ले लेते थे। एक मामले में जब डीएनए परीक्षण में यह पुष्टि हो गई कि बच्चा उनका जैविक बच्चा नहीं था, तो बच्चे का विदेशी पासपोर्ट अस्वीकार कर दिया गया। ईडी की कार्रवाई ईडी ने धोखाधड़ी, ठगी, आपराधिक षड्यंत्र, अवैध सरोगेसी और बाल तस्करी के लिए हैदराबाद के गोपालपुरम पुलिस स्टेशन द्वारा दर्ज कई एफआईआर के आधार पर उक्त केस की जांच शुरू की थी। डॉ. पचीपल्ली नम्रता उर्फ अथलुरी नम्रता (यूनिवर्सल सृष्टि फर्टिलिटी एंड रिसर्च सेंटर) एक सरोगेसी रैकेट के आधार पर निःसंतान दंपतियों को बच्चा मुहैया करा रही थीं। वे अपने कर्मचारियों और एजेंटों के साथ मिलकर अपने क्लिनिक के माध्यम से इस रैकेट को संचालित कर रही थीं। ये भी पढ़ें:-Kerala SIR: केरल में चुनावों से पहले मतदाता सूची के एसआईआर की तैयारी, विरोध में माकपा; बताया अवैध कदम

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 26, 2025, 18:19 IST
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